धरती पर लौटने के बाद कैसा है सुनीता विलियम्स का स्वास्थ्य?


डॉक्टरों की टीम एस्ट्रोनॉट्स के ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, आंखों की रौशनी समेत संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करेगी। इसके अलावा उनका मेंटर हेल्थ भी चेक किया जाएगा और तब तक उन्हें किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं होगी।


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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट और भारत की बेटी सुनीता विलियम्स आखिरकार अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) 9 महीने तक फंसे रहने के बाद धरती पर लौट आई हैं। सुनीता विलियम्स के साथ नासा के दूसरे एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर भी पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से लैंड कर गए। दोनों एस्ट्रोनॉट्स ने भारतीय समयानुसार, बुधवार (19 मार्च) की सुबह 3:30 बजे फ्लोरिडा के समंदर में लैंड किया।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले 9 महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए थे, लेकिन नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त कोशिश आखिरकार रंग लाई और दोनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौट आए। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती के लिए रवाना होने के 17 घंटे बाद एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का कैप्सूल फ्लोरिडा की तलहासी तट के पास समंदर में लैंड हुआ। इसके करीब एक घंटे के बाद एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कैप्सूल में से बाहर आए और कैमरे के सामने हाथ हिलाते और मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।

हालांकि, अब इस बात की चर्चा हो रही है कि अंतरिक्ष में 9 महीने का समय बिताने के बाद अब सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का स्वास्थ्य कैसा है और आगे क्या होगा? आइए प्वाइंट्स में जानते हैं सुनीता विलियम्स के सफर की पूरी बात।

एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून, 2024 बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। जहां उनका मिशन सिर्फ एक हफ्ते का था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी खराबी के कारण वह दोनों 9 महीने तक ISS में फंस गए।

बोइंग के स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल में तकनीकी खराबी आने के बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि अब सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर कभी धरती पर वापस नहीं आ पाएंगे। हालांकि अंतरिक्ष में 9 महीने फंसे रहने के बाद आखिरकार 19 मार्च (बुधवार) को उनकी धरती पर सुरक्षित वापसी हो गई।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को ISS से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए नासा और स्पेसएक्स ने पिछले हफ्ते गुरुवार (13 मार्च) को फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया था। SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट से स्थानीय समयानुसार शुक्रवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ।

नासा-स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन ने ISS पर मौजूद क्रू-9 मिशन को रिप्लेस किया। नासा और स्पेसएक्स ने फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया, इसमें 4 नए अंतरिक्ष यात्री स्पेसक्राफ्ट में गए।

ISS में 9 महीने तक फंसे रहने के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को फ्लोरिडा के तलहासी तट पर सुरक्षित लैंड कराया गया। कैप्सूल के लैंड करते ही स्पेसएक्स की रिकवरी टीम कैप्सूल की लैंडिंग स्पॉट पर पहुंच गई।

स्पेसएक्स की रिकवरी टीम ने एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को स्पेसक्राफ्ट से रिकवरी व्हीकल के जरिए बाहर निकाला। इस दौरान दोनों एस्ट्रोनॉट मुस्कुराते हुए कैमरे की तरफ देखकर हाथ हिला रहे थे।

स्पेसक्राफ्ट से निकलने के बाद दोनों एस्ट्रोनॉट्स को स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया। नासा ने बताया कि सुनीता विलियम्स समेत सभी अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। सुनीता लंबे समय तक स्पेस के गुरुत्वाकर्षण में रहीं। इससे उनके शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो गई होंगी। इसलिए उनके शरीर को धरती के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार ढलने में थोड़ा वक्त लगेगा।

डॉक्टरों की टीम एस्ट्रोनॉट्स के ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, आंखों की रौशनी समेत संपूर्ण स्वास्थ्य जांच करेगी। इसके अलावा उनका मेंटर हेल्थ भी चेक किया जाएगा और तब तक उन्हें किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं होगी।

सुनीता विलियम्स की सुरक्षित घर वापसी का जश्न अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी मनाया जा रहा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे भारत और पूरी विश्व के लिए गर्व, गौरव और राहत का पल बताया। सुनीता की सुरक्षित धरती वापसी के लिए अमेरिका के 21 मंदिरों में प्रार्थनाएं की गईं और विल्मोर के लिए चर्च में प्रार्थनाएं की गईं।



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