सना। यमन के दक्षिणी
अलगाववादियों ने रविवार को देश की अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त सरकार के
साथ शांति समझौता तोड़ दिया और क्षेत्रीय राजधानी अदन पर कब्जा करने का दावा किया
जिससे दोनों पक्षों के बीच लड़ाई शुरू होने का खतरा पैदा हो गया है।
एक बयान में अलगाववादी ‘सदर्न ट्रांजिशनल
काउंसिल’ ने आपातकाल की घोषणा की और कहा कि वह अहम दक्षिणी
बंदरगाह शहर तथा अन्य दक्षिणी प्रांतों का ‘‘शासन स्वयं’’ करेगी। संयुक्त अरब अमीरात के समर्थन वाले अलगाववादियों ने
सऊदी अरब द्वारा समर्थित यमन सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं।
यमन सरकार ने अलगाववादियों के कदम को खारिज कर दिया। विदेश
मंत्री मोहम्मद अब्दुल्ला अल-हदरामी ने सऊदी अरब से ‘‘रुख स्पष्ट’’ करने और ‘‘तथाकथित ट्रांजिशनल काउंसिल के जारी विद्रोह के खिलाफ
निर्णायक कदम’’ उठाने का आह्वान किया।
दोनों पक्षों के बीच यह तनातनी देश के गृह युद्ध का एक और
जटिल पहलू है। एक ओर अलगाववादी हैं और दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति आबिद रब्बो मंसूर
हादी की वफादार सेनाएं। दोनों ने यमन के शिया हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के
नेतृत्व में एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।