अल-शिफा बना अब डेथ जोन, गेट पर ही मिला सामूहिक कब्र


हमास के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि शनिवार को उत्तरी गाजा शरणार्थी शिविर पर दोहरे हमलों में 80 से अधिक लोग मारे गए, जिसमें विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाला संयुक्त राष्ट्र स्कूल भी शामिल था।


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विदेश Updated On :

इजरायल-हमास के बीच जारी जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास पर इजरायल ताबड़तोड़ हमला कर रहा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को कहा कि गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल ‘डेथ जोन’ बन गया है। साथ ही WHO ने अस्पताल को खाली करने की योजना की घोषणा की है।

न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार इजरायली सेना ने कहा कि वह हमास को नष्ट करने के लिए अपने अभियान को और तेज कर रही है। WHO की घोषणा WHO और संयुक्त राष्ट्र के अन्य अधिकारियों के उस अस्पताल के दौरे के बाद आया, जिस पर इस सप्ताह की शुरुआत में इजरायली सैनिकों ने छापा मारा था।

हमास के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि शनिवार को उत्तरी गाजा शरणार्थी शिविर पर दोहरे हमलों में 80 से अधिक लोग मारे गए, जिसमें विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाला संयुक्त राष्ट्र स्कूल भी शामिल था। AFP द्वारा सत्यापित सोशल मीडिया वीडियो में फिलिस्तीनी क्षेत्र के सबसे बड़े शरणार्थी शिविर जबालिया में एक इमारत के फर्श पर खून और धूल से लथपथ शव दिखाई दे रहे हैं, जहां स्कूल की मेजों के नीचे गद्दे बिछाए गए थे।

हमास के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जबालिया शिविर में एक अन्य इमारत पर शनिवार को हुए एक अलग हमले में एक ही परिवार के 32 लोग मारे गए, जिनमें से 19 बच्चे थे। हमलों का जिक्र किए बिना, इजरायली सेना ने कहा कि ‘जबलिया क्षेत्र में एक घटना’ की समीक्षा की जा रही है। मालूम हो कि इजरायल ने 7 अक्टूबर के हमलों के जवाब में हमास को नष्ट करने की कसम खाई है, जिसमें इजरायली अधिकारियों का कहना है कि लगभग 1,200 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, और लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था। 2007 से गाजा पर शासन करने वाली हमास के अनुसार, इजरायली सेना के निरंतर हवाई और जमीनी अभियान में 12,300 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 5,000 से अधिक बच्चे हैं।