अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने ऐलान कर दिया है कि अब वो अमेरिका में तीसरी बड़ी पॉलिटिकल पार्टी बनाने जा रहे हैं। उन्होंने X पर पोस्ट कर इसका ऐलान कर दिया है। उन्होंने अमेरिका के टू पार्टी सिस्टम को सीधे तौर पर चुनौती दी है। मस्क के इस कदम से रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही टेंशन में आ गए हैं।
एलन मस्क ने पार्टी की घोषणा उस समय पर की, जब मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सार्वजनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण में गंभीर मतभेद सामने आए थे। अब, यह नई पार्टी एक संभावित गेमचेंजर के रूप में उभर रही है। मस्क की पार्टी टेक्नोलॉजी-लवर, स्वतंत्रता समर्थक और एंटी- एस्टैब्लिशमेंट वोटर्स को आकर्षित कर सकती है। ये वही वर्ग हैं जो थोड़-बहुत ट्रंप के भी समर्थक माने जाते हैं। मस्क की छवि एक ऐसे नेता की बन रही है, जो पारंपरिक राजनीति से हटकर कुछ नया करने का वादा करता है और यह बात उन मतदाताओं को खासी आकर्षक लग सकती है, जो मौजूदा राजनीतिक ढांचे से असंतुष्ट हैं।
अगर मस्क की पार्टी प्रमुख चुनावों में उम्मीदवार उतारती है तो यह रिपब्लिकन पार्टी के वोट बैंक को विभाजित कर सकती है। खासकर उन राज्यों में जहां चुनाव का अंतर बहुत कम होता है। यहां थोड़े से वोटों का हेरफेर भी नतीजों को बदल सकता है।
यह स्थिति उतनी सीधी नहीं जितनी दिखती है। अगर अमेरिका पार्टी का समर्थन ऐसे मतदाताओं को मिलता है, जो डेमोक्रेट्स को वोट नहीं देना चाहते, लेकिन रिपब्लिकन से भी असंतुष्ट हैं तो यह ट्रंप के लिए एक तरह से प्रेशर वॉल्व का काम कर सकती है।
इससे ऐसे मतदाता पूरी तरह निष्क्रिय होने या किसी अतिवादी तीसरे दल की ओर जाने से बचेंगे। इस प्रक्रिया में वे ट्रंप के वोटबैंक को तोड़ने की बजाय उसे सुरक्षित रखने में ही मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अगर मस्क की पार्टी ट्रंप के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी (जैसे बाइडन या कोई डेमोक्रेट उम्मीदवार) से अधिक वोट खींचने में सक्षम होती है तो वह अनजाने में ट्रंप को चुनाव जिताने में सहायक बन सकती है।
मस्क ने पहले भी अपनी कंपनियों के जरिए जो इनोवेशन किए हैं वे अब राजनीति में भी आ सकते हैं। इसमें AI आधारित मतदाता विश्लेषण, डिजिटल प्रचार तकनीकों का मॉर्डन इस्तेमाल, क्राउडफंडिंग मॉडल का विकेंद्रीकरण समेत सत्यापन और पारदर्शिता के लिए ब्लॉकचेन आधारित वोटिंग प्रक्रियाएं शामिल है। अगर मस्क इस पार्टी के जरिए नई राजनीतिक तकनीकों को सफलतापूर्वक आज़माते हैं तो ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी भी उन्हें अपनाने पर मजबूर हो सकती है। इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है, जो पूरे अमेरिकी राजनीतिक तंत्र पर असर डाल सकता है।