चीनी सरकार द्वारा उइगर मुस्लिमों पर किये जा रहे जु्ल्म को रोकने के लिए अमेरिका ने बनाया कानून

बता दें कि चीन तुर्की, मंगोलिया पाकिस्तान की सीमा से सटे चीनी प्रांतों में में रहने वाले 20 से 25 लाख उइगर समुदाय के मुसलमानों को सुधारने के नाम जेलों में डाल रखा है। वहीं जो मुस्लिम महिलाएं उन कैंपों में नहीं गई हैं उनको कम बच्चे पैदा करने के लिए जबरदस्ती गर्भ निरोधक गोलिया दी जाती है। लेकिन ऐसी गर्भ निरोधक गोलियां वहां पर रह रही हान या दूसरे समुदाय के औरतों को नहीं दी जाती हैं और उनको अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

वाशिंगटन। दुनिया के शीर्ष मंच पर मुसलमानों के मुद्दे को उठाये जाने के लिए पहचाने जाने वाले तुर्की, सऊदी अरब, मलेशिया, ईरान और पाकिस्तान भले ही चीन में उईगर मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ मुंह नहीं खोल रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर अमेरिका ने चीन को सबक सिखाने के लिए ठान लिया है।

इसके लिए ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में  एक नये कानून पास किया है। इस कानून के बनने के बाद चीन जिन औद्योगिक क्षेत्रों में चीनी उईगर मुसलमानों से सुधार के नाम पर और कौशल सिखाने के नाम पर काम बंधुआ मजदूरों की तरह काम कराकर उत्पाद बनाता है उन उत्पादों को अमेरिका में आयात पर पाबंदी लगा दी गई है।

इससे पहले अमेरिकी प्रशासन ने उईगर प्रांत के मुसलमानों के खिलाफ उत्पीड़न में लगे  कई अधिकारियों पर अमेरिका में यात्रा पर भी पाबंदी लगा चुका है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने चीन के शिनजियांग प्रांत में ‘बंधुआ’ मजूदरों के शिविरों में उइगुर मुसलमानों द्वारा बनाए गए सामान का आयात रोकने के लिए कानून पारित कर दिया है।

उइगुर जबरिया श्रम रोधक कानून को प्रतिनिधि सभा ने मंगलवार को 406-3 मतों से पारित किया। यह उइगुर के बंधुआ मजदूरों के बनाए सामान का आयात रोकने के लिए दुनिया में पहला राष्ट्रीय स्तर का कानून है। इसके तहत मानवाधिकार मानदंडों को लागू किया गया है।

सुधार के नाम पर चीनी उइगर मुसलमानों को इस चारदिवारी के अंदर बने जेलें में रखा गया है।

अमेरिकी सांसद माइकल मैक्कॉल ने सदन में आरोप लगाया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी उइगुर के बंधुओं मजदूरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों का इस्तेमाल कर रही है जिससे बैंक इन्हीं समूहों को सांस्कृतिक तौर पर समाप्त कर सकें।

शीर्ष रिपब्लिकन सांसद केविन ब्रैडी ने कहा कि जबरिया श्रम को रोकने तथा मानवाधिकार के उल्लंघन को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयास किए जाने की जरूरत है।

उल्लेखनीय है कि बीबीसी, वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स सहित कई अखबारों ने चीन में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की दास्तान को दुनिया के सामने रखा था। अखबारों की इन रिपोर्टों को पहले तो चीनी प्रशासन ने नकार दिया था, लेकन जब  जुल्म की सच्चाई को बयान करने वाली सेटेलाइट तस्वीरें दुनिया के सामने आई तो चीनी अधिकार इस पर कुछ बोलने से कतराने लगे।

बता दें कि चीन तुर्की, मंगोलिया पाकिस्तान की सीमा से सटे चीनी प्रांतों में में रहने वाले 20 से 25 लाख उइगर समुदाय के मुसलमानों को सुधारने के नाम जेलों में डाल रखा है। वहीं जो मुस्लिम महिलाएं उन कैंपों में नहीं गई हैं उनको कम बच्चे पैदा करने के लिए जबरदस्ती गर्भ निरोधक गोलिया दी जाती है। लेकिन ऐसी गर्भ निरोधक गोलियां वहां पर रह रही हान या दूसरे समुदाय के औरतों को नहीं दी जाती हैं और उनको अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

First Published on: September 24, 2020 6:36 PM
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