वाशिंगटन। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की दिग्गज सांसद नैंसी पेलोसी फिर से प्रतिनिधि सभा की स्पीकर चुनी गईं। नैंसी पेलोसी (80) को 216 और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी केविन मैक्कार्थी को 209 वोट मिले।
सदन के एक अधिकारी ने बताया कि कुल 427 वोट डाले गए। इनमें से सीनेटर टैमी डकवर्थ और सांसद हकीम जेफरीज को एक-एक वोट मिला।
पेलोसी ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं 117वीं कांग्रेस में बतौर स्पीकर सेवाएं देने के लिए चुने जाने पर सम्मानित महसूस कर रही हूं।’’
I am honored to be nominated by my colleagues to serve as the Speaker of the House for the #117thCongress. https://t.co/5YPoAmeOyl
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) January 3, 2021
आंकड़ों के अनुसार, छह डेमोक्रेटिक सांसदों ने पेलोसी को वोट नहीं दिया, जबकि सभी 209 रिपब्लिकन के वोट केविन के पक्ष में पड़े, जो अब सदन में अल्पमत के नेता हैं। डेमोक्रेट के सदन में 222 सदस्य हैं।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में उसे 435 सदस्यों को मतदान करने का अधिकार है, जबकि छह ऐसे सदस्य हैं, जिन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं है। पेलोसी को मामूली अंतर से जीत मिली, लेकिन 2014 की तुलना में उन्हें इस बार दो वोट अधिक मिले।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बयान पेलोसी को बधाई देते हुए कहा, ‘‘ जिल और मैं स्पीकर पेलोसी को आज प्रतिनिधि सभा का स्पीकर दोबारा चुने जाने को लेकर बधाई देते हैं…..मुझे कोई शक नहीं है कि स्पीकर पेलोसी मर्यादापूर्ण तरीके से, सिद्धांतों का पालन करते हुए और देशभक्ति के संकल्प के साथ सदन का नेतृत्व करना जारी रखेंगी।’’
नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, ‘‘ कैलिफोर्निया की मेरी साथी नैंसी पेलोसी को प्रतिनिधि सभा का दोबारा स्पीकर चुने जाने पर बधाई। मैं अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए अमेरिकी लोगों की ओर से आपके साथ मिलकर काम करने को उत्साहित हूं।’’
मानवाधिकार मुद्दों की बड़ी समर्थक पेलोसी ने चुने जाने के बाद कहा कि नई संसद की शुरुआत बड़े चुनौतीपूर्ण समय में हो रही है।
पेलोसी ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी और आर्थिक संकट से हर समुदाय बुरी तरह प्रभावित हैं और 3,50,500 लोग मारे गए हैं। हमारे दिलों में हर एक के लिए दर्द है, दो करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, लाखों लोग बेरोजगार हैं….’’
पेलोसी ने कहा कि 117वीं संसद अमेरिकी इतिहास की सबसे विविधतापूर्ण संसद होगी, क्योंकि महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने के करीब 100 साल बाद यहां रिकॉर्ड 122 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं।