जलवायु परिवर्तन पर भारत की प्रतिबद्धता की अमेरिका ने की प्रशंसा


राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने 2030 तक जलवायु परिवर्तन पर कार्य करने और स्वच्छ ऊर्जा के महात्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी में 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लगाने समेत अन्य प्रयास तेज करने के लिए भारत की प्रशंसा की है।


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वाशिंगटन। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने 2030 तक जलवायु परिवर्तन पर कार्य करने और स्वच्छ ऊर्जा के महात्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी में 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लगाने समेत अन्य प्रयास तेज करने के लिए भारत की प्रशंसा की है।

जलवायु पर बृहस्पतिवार को विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने मौजूदा दशक में पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने में मजबूत द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक नए उच्च स्तरीय ‘‘भारत-अमेरिका जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी’’ की शुरुआत की।

एक संयुक्त बयान के अनुसार यह साझेदारी दो मुख्य लक्ष्यों पर बढ़ेगी – सामरिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी जिसकी सह-अध्यक्षता ऊर्जा मंत्री ग्रैनहोम करेंगे और जलवायु कार्य एवं वित्त संग्रहण संवाद जिसकी सह-अध्यक्षता जलवायु पर राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी करेंगे।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अमेरिका के साथ साझेदारी में भारत 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लगायेगा। आखिर यह महत्वपूर्ण क्यों है? हमारा वित्तीय घटक बेहद महत्वपूर्ण है और अगर हम इसे कर पाते हैं तो भारत तापमान को 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक रखने के लक्ष्य को पाने की राह पर है।’’

संयुक्त बयान में इस साझेदारी को भारत-अमेरिका के बीच अहम सहयोग बताते हुए कहा गया कि इसका लक्ष्य जलवायु से संबंधित कार्य के लिए आगामी दशकों में महत्वपूर्ण प्रगति करना है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप से बढ़ा रहा है।’’