वाशिंगटन। फाइजर टीके द्वारा बनी कोविड-19 एंटीबॉडी नर्सिंग होम के वरिष्ठ निवासियों और उनकी देखभाल करने वालों में दूसरी खुराक प्राप्त करने के छह महीने बाद 80 प्रतिशत से अधिक कम हो गई। यह बात अमेरिकी अध्ययन में सामने आयी है।
अमेरिका में केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी और ब्राउन यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में नर्सिंग होम के 120 निवासियों और 92 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के रक्त के नमूनों का अध्ययन किया गया।
अध्ययनकर्ताओं ने विशेष रूप से ह्यूमोरलर इम्युनिटी को देखा जिसे एंटीबॉडी-मध्यस्थता प्रतिरक्षा भी कहा जाता है ताकि सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ शरीर की सुरक्षा को मापा जा सके जिससे कोविड-19 होता है।
अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे प्रीप्रिंट सर्वर ‘मेडआर्काइव’ पर पोस्ट किया गया है। अध्ययन के अनुसार इससे पता चला कि छह महीने के बाद व्यक्तियों के एंटीबॉडी का स्तर 80 प्रतिशत से अधिक कम हो गया। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, 76 वर्ष की औसत आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों और 48 वर्ष की औसत आयु वाले देखभाल करने वालों में परिणाम समान थे।
केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड कैनेडे ने कहा कि टीकाकरण के छह महीने बाद, इन नर्सिंग होम के 70 प्रतिशत निवासियों के रक्त में ‘‘प्रयोगशाला प्रयोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को बेअसर करने की क्षमता बहुत कम थी।’’ कैनेडे ने कहा कि परिणाम रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की बूस्टर खुराक लेने की सिफारिश का समर्थन करते हैं, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए।