ट्रम्प और उन के बीच शिखर वार्ता की वर्षगांठ: उत्तर कोरिया ने सेना को मजबूत करने का लिया संकल्प

उत्तर कोरिया ने अमेरिकी खतरों से निपटने के लिए अपने सैन्य बलों को और मजबूत करने का शुक्रवार को पुन: संकल्प लिया।

सियोल। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी खतरों से निपटने के लिए अपने सैन्य बलों को और मजबूत करने का शुक्रवार को पुन: संकल्प लिया। उसने कहा कि यदि अमेरिका देश पर प्रतिबंध लगाना और दबाव बनाने की कोशिश करना जारी रखता है तो उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन एवं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्यक्तिगत संबंध बनाए रखने का कोई कारण शेष नहीं बचेगा।

उन और ट्रम्प के बीच पहली शिखर वार्ता के दो वर्ष पूरे होने पर उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री सोन ग्वोन ने कहा कि उत्तर कोरिया तब तक ट्रम्प को विदेश नीति की उपलब्धियों के तौर पर गिना सकने वाली उच्चस्तरीय बैठकों का तोहफा और छूट नहीं देगा, जब तक अमेरिका बदले में कुछ महत्वपूर्ण नहीं देता है। री ने कहा, ‘‘सवाल यह है कि सिंगापुर में मिलाए गए हाथों को मिलाकर रखने की आवश्यकता है या नहीं। हमें लगता है कि हमारे सर्वोच्च नेतृत्व और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच केवल व्यक्तिगत संबंध बनाने से अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों में कोई तथ्यात्मक सुधार नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आगे से हम कभी भी बदले में कुछ मिले बिना अमेरिका के मुख्य कार्यकारी को कोई ऐसा पैकेज मुहैया नहीं कराएंगे, जिसे वह (राजनीतिक) उपलब्धि की तरह इस्तेमाल कर सके। खाली वादों से बड़ा पाखंड कुछ नहीं है।’

किम और ट्रम्प ने 2018 में दोनों देशों के नेताओं के बीच सिंगापुर में हुई शिखर वार्ता में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई थी, लेकिन फरवरी 2019 में वियतनाम में दोनों नेताओं के बीच दूसरी शिखर वार्ता में उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु क्षमताओं के आंशिक समर्पण के बदले अमेरिका से प्रतिबंधों में राहत मांगी थी, जिसे अमेरिका ने मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बातचीत पटरी से उतर गई थी। इसके बाद ट्रम्प और किम तीसरी बार अंतर-कोरियाई सीमा पर पिछले साल जून में मिले थे, लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही थी

First Published on: June 12, 2020 11:44 AM
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