म्यांमार में आंग सान सू की हिरासत बढ़ी, तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन जारी

यंगून। म्यांमार में हालात संभलने की जगह बिगड़ते जा रहे हैं। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद इसके खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सेना ने अपदस्थ की गयी नेता आंग सान सू ची की हिरासत बढ़ा दी है। वहीं, देश में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर लोग अपने नेता की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

वकील खिन मौंग जॉ ने राजधानी नेपीतॉ में एक अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया कि आंग सान की हिरासत 17 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। उनकी की पार्टी ने जॉ से अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने को कहा था। आंग सान की हिरासत की अवधि सोमवार को खत्म हो रही थी। उनपर अवैध तौर पर वॉकी टॉकी रखने का आरोप लगाया गया।

बहरहाल, आंग सान की हिरासत को बढ़ाने से सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ सकता है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सेना उनके द्वारा चुनी हुई सरकार को सत्ता वापस करे। सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली थी और सू की समेत सरकार के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया था।

समूचे म्यांमार में सोमवार को भी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। हालांकि रविवार रात को अधिकारियों ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए देश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी और सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ा दी। दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले में हजारों इंजीनियरों ने सड़कों पर मार्च किया, नारेबाजी की तथा वे हाथों में तख्तियां पकड़े हुए थे।

यंगून में इंटरनेट सेवा बंद होने और सड़कों पर सैन्य वाहनों की मौजूदगी की वजह से सोमवार को कम प्रदर्शनकारी जुटे। फिर भी म्यांमा केंद्रीय बैंक के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी थे जहां सैनिकों से भरे सैन्य ट्रक, दंगा रोधी पुलिस और वॉटर कैनन ट्रैक तैनात थे।

वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लिंग ने कहा है कि सरकार पिछले साल हुए चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच करने में नाकाम रही, जिस वजह से सेना को दखल देना पड़ा। इस चुनाव में आंग सान की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की जबर्दस्त जीत हुई थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने किसी भी धांधली से इनकार किया है।

रविवार को अमेरिका, कनाडा और 12 यूरोपीय देशों के राजदूतों ने म्यांमा के सुरक्षा बलों से उन लोगों के खिलाफ हिंसा से बचने का आह्वान किया जो “वैध सरकार को बेदखल करने का विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और संचार में सैन्य दखल की निंदा की।

First Published on: February 15, 2021 1:28 PM
Exit mobile version