ला पाज। कोविड-19 महामारी के बीच बोलिविया में लोगों ने रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया, जिसके साथ ही एक साल से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल खत्म होने की संभावना है। पिछले साल हुए चुनाव के निरस्त होने के बाद इस चुनाव से देश में समाजवादी सरकार की वापसी हो सकती है।
कभी लैटिन अमेरिका में राजनीतिक रूप से सबसे अधिक अस्थिर देशों में से एक, बोलीविया में पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस की सरकार में स्थिरता रही। मोरालेस देश के पहले स्वदेशी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया और पिछले साल के अंत में चुनाव के बाद देश छोड़कर चले गए। पिछले साल के चुनाव में उनकी जीत हुई थी, लेकिन चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया था, जिसके बाद मोरालेस देश छोड़ गए।
पिछले साल चुनाव के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों और बाद में मोरालेन के निष्कासन से देश में अशांति फैल गयी, जिसमें कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी। मोरालेस ने अपने निष्कासन को तख्तापलट करार दिया।
रविवार का मतदान बोलीविया में लोकतंत्र को फिर से कायम करने का एक प्रयास है। अमेरिका के वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संगठन, ‘वाशिंगटन ऑफिस ऑन लैटिन अमेरिका’ ने कहा, “बोलिविया के नए कार्यकारी और विधायी नेताओं को एक ध्रुवीकृत देश में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जो कोविड-19 महामारी और और बेहद कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण तबाह हो गया है।’’
कुछ मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों के साथ रविवार का मतदान शांतिपूर्ण रहा। मतदाता मास्क पहने और शारीरिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों का पालन करते दिखाई दिए।