ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति को 27 साल की सजा, चुनाव हारने के बाद संविधान से किया था खिलवाड़

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को 27 साल और तीन महीने की जेल की सजा सुनाई। उनको 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद तख्तापलट की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया है। 70 वर्षीय बोल्सोनारो को पांच आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद यह फैसला आया, जिसमें अधिकतम 43 साल की सजा हो सकती थी। हालांकि, अदालत ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सजा को कम किया। इस फैसले को चार में से पांच जजों ने समर्थन दिया, जिससे बोल्सोनारो को शायद अपनी बाकी जिंदगी जेल में बितानी पड़े।

यह मामला तब और सुर्खियों में आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सजा की निंदा की। व्हाइट हाउस से रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने बोल्सोनारो को शानदार व्यक्ति बताते हुए इस फैसले को ब्राजील के लिए बहुत बुरा करार दिया। साथ ही उन्होंने ब्राजील से आयातित सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ की धमकी दी। उन्होंने इसे राजनीतिक उत्पीड़न का मामला बताया।

दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस अनुचित फैसले के खिलाफ कार्रवाई की बात कही, हालांकि उन्होंने इसका विवरण नहीं दिया। इससे ब्राजील और अमेरिका के बीच पहले से तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों में और खटास आने की आशंका है। बोल्सोनारो के वकीलों ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के 11 सदस्यीय पूर्ण पीठ में अपील करने की घोषणा की है। वर्तमान में बोल्सोनारो नजरबंद हैं और उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

इससे पहले एक अलग मामले में उन्हें 2030 तक ब्राजील में किसी भी सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस स्थिति में बोल्सोनारो के समर्थक अब उनके लिए संसद के माध्यम से माफी की मांग कर सकते हैं। उनके सहयोगी सांसद इस दिशा में कदम उठा सकते हैं, जिससे देश की राजनीति में और उथल-पुथल मच सकती है। बोल्सोनारो के समर्थक अगले साल होने वाले चुनाव में उनके किसी करीबी को राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के खिलाफ उतारने की योजना बना रहे हैं।

इस बीच, ट्रम्प प्रशासन द्वारा ब्राजील के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों की चर्चा ने वैश्विक ध्यान खींचा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला न केवल ब्राजील की आंतरिक राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इसके गहरे प्रभाव होंगे।

First Published on: September 12, 2025 9:20 AM
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