ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण मामले में माल्या की अपील खारिज की, अब जल्द लग सकता है भारत के हाथ


भारत को शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में सोमवार को बड़ी सफलतता मिली। माल्या भारत प्रत्यर्पित किये जाने के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर मामला हार गये हैं। करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में वह भारत में वांछित हैं।



भारत को शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में सोमवार को बड़ी सफलतता मिली। माल्या भारत प्रत्यर्पित किये जाने के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर मामला हार गये हैं। करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में वह भारत में वांछित हैं।

अब बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन के 64 साल के प्रमुख ने इस साल फरवरी में सुनवाई के दौरान भारत प्रत्यर्पित किये जाने के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।

रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीश स्टीफन इरविन और न्यायाधीश एलिजाबेथ लांग की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में माल्या की अपील खारिज कर दी। कोरोना वायरस महामारी के कारण जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई। माल्या भारत में 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले से जुड़ा है।

उच्च न्यायालय में अपील खारिज होने से माल्या का भारत प्रत्यर्पण का रास्ता बहुत हद तक साफ हो गया है। उसके खिलाफ भारतीय अदालत में मामले हैं । उसके पास अब ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपील के लिये मंजूरी का आवेदन करने के लिए 14 दिन का समय है। अगर वह अपील करता है, ब्रिटेन का गृह मंत्रालय उसके नतीजे का इंतजार करेगा लेकिन अगर उसने अपील नहीं की तो भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत अदालत के आदेश के अनुसार 64 साल के माल्या को 28 दिनों के भीतर भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हमने प्रथम दृष्टि में गलत बयानी और साजिश का मामला पाया और इस प्रकार प्रथम दृष्ट्या मनी लांड्रिंग का भी मामला बनता है।’’ यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों के लिये शराब कारोबारी के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।



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