यूरोपीय संघ से अलग हुआ ब्रिटेन, ख़त्म हुआ 47 साल का सफर

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लंदन। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के व्यवस्थित और पूरी तरह से अलग होने की प्रक्रिया संपन्न हो गयी है। इस कदम से ईयू का आकार तो छोटा हो गया लेकिन समूह के देशों के साथ ब्रिटेन का व्यापार जारी रहने को लेकर अड़चनें भी खत्म हो गयी। ब्रिटेन के मतदाताओं ने साढ़े तीन साल पहले यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए हुए जनादेश दिया था जिसे ब्रेग्ज़िट कहा गया।

यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को मंजूरी दी थी। रात ग्यारह बजे ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की प्रक्रिया पूर्ण हो गयी। नए समझौते में कुछ शर्तें और बंदिशें भी हैं लेकिन ब्रेक्जिट के समर्थकों का मानना है कि इससे उनका देश स्वतंत्र तरीके से अपने फैसले कर पाएगा।

ब्रेक्जिट का समर्थन करने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रयासों की बदौलत तमाम अवरोध के बावजूद यह समझौता पूरी तरह लागू हो गया। उन्होंने कहा, हमारे देश के लिए यह शानदार लम्हा है। नव वर्ष पर अपने वीडियो संदेश में जॉनसन ने कहा, अब हम आजादी से फैसले ले सकते हैं और हम खुद आगे अपना निर्णय ले सकेंगे।

ईयू से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया गया था। इस ऐतिहासिक मौक़े पर लंदन में जहाँ ब्रेग्ज़िट के समर्थकों ने बड़ी संख्या में संसद के पास जमा होकर इसका स्वागत किया, वहीं स्कॉटलैंड में इसके विरोध में कैंडल-मार्च निकाला गया।



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