
संयुक्त राष्ट्र। नाटो में शामिल कुछ शक्तिशाली देशों के दरम्यान पनडुब्बी बेचने को लेकर तकरार के बीच संगठन के प्रमुख ने सुझाव दिया है कि सदस्यों को ‘बड़े मामलों’ पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा कि फ्रांस और अमेरिका तथा ब्रिटेन के बीच जारी विवाद को हवा नहीं दी जानी चाहिये।
संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर साक्षात्कार के दौरान उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने अलग यूरोपीय सैन्य बल के गठन के मामले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि नाटो को अफगानिस्तान में 20 साल तक चले युद्ध के बाद भविष्य में आतंकवाद से लड़ने के लिए किसी भी तैनाती पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने परमाणु पनडुब्बी की आपूर्ति के लिये ऑस्ट्रेलिया के साथ करार किया है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ डीजल संचालित पनडुब्बी के करार को रद्द कर दिया है। इसपर फ्रांस ने नाराजगी जतायी है और उसे यूरोपीय यूनियन के राजनयिकों का साथ मिला है।
नाटो महासचिव ने ‘एसोसिएटिड प्रेस’ (एपी) से बात करते हुए किसी का पक्ष नहीं लिया बल्कि उन्होंने गठबंधन के प्रमुख लक्ष्यों के बारे में एकजुटता बढ़ाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘मैं फ्रांस की नाराजगी अच्छी तरह समझता हूं। नाटो सदस्यों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मामलों पर सहमत होना चाहिये। इसके जरिये हम साझा चुनौतियों से मिलकर निपट सकेंगे।’