
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति ने कहा कि वैश्विक संस्था को आतंक के दोषियों, विशेष रूप से सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई निरंतर बढ़ाना चाहिए और आतंकवाद प्रायोजित करने वाले किसी भी देश को अपने आप को आतंकवाद का शिकार बताने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
Today, on the International Day of #Remembrance of and Tribute to #VictimsofTerrorism, we remember the victims of terror, and also remember that the perpetrators of terror continue to enjoy State patronage with impunity from across our border. #NeverForgotten@MEAIndia @UN_OCT pic.twitter.com/FSnNrYR2X9
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) August 21, 2020
संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए तीसरा अंतरराष्ट्रीय दिवस आयोजित किया था। तिरूमूर्ति ने शुक्रवार को ट्वीट किया,‘‘हमें आतंकवाद प्रायोजित करने वाले किसी भी देश को खुद को आतंकवाद पीड़ित दिखाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को आतंक के अपराधियों के खिलाफ और विशेष रूप से सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई बढ़ाने की जरूरत है।’’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने ट्वीट किया कि इस अंतरराष्ट्रीय दिवस पर ‘‘हम आतंकवाद की भेंट चढ़े लोगों को याद करते हैं और यह भी स्मरण करते हैं कि आतंक के दोषियों को दंड मुक्ति के साथ सीमा पार के देश का संरक्षण मिला हुआ है।’’
Any country sponsoring terrorism should not be allowed to paint itself as a victim of terror, India’s Permanent Representative to the UN Ambassador @ambtstirumurti has said.https://t.co/Pyce9VU7Gx
— Deccan Herald (@DeccanHerald) August 22, 2020
भारतीय मिशन के ट्वीट के साथ तीन मिनट का एक वीडियो भी डाला गया है कि जिसमें पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों का जिक्र है। इसमें 1993 में हुआ मुंबई धमाके, 2001 में संसद पर हमले, 2002 अक्षरधाम मंदिर पर हमले, 2008 में मुंबई हमला, 2016 में उरी हमला और 2019में पुलवामा हमला शामिल हैं।
वीडियो 26/11 के मुंबई हमलों के फुटेज के साथ शुरू होता है और इसमें पाकिस्तान के उन संचालकों की आवाजें हैं जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों को मुंबई में कुछ प्रमुख स्थानों पर हमले के निर्देश दे रहे हैं।
Terrorism, in all forms & manifestations, can never be justified. Today we stand with the families of #VictimsofTerrorism & the survivors. We salute your resilience and recommit to amplifying your voice, supporting your needs & upholding your human rights #UNitetoCounterTerrorism pic.twitter.com/TQmXqrUxyx
— UN GA President (@UN_PGA) August 21, 2020
कार्यक्रम में आतंकवाद पीड़ितों के एक पैनल से बातचीत भी की गई और यह जाना गया कि आतंकवाद से उनका जीवन किस प्रकार प्रभावित हुआ है।
भारत से इस पैनल में निधि चापेकर ने हिस्सा लिया। वह मार्च 2016 में ब्रसेल्स हवाई अड्डे और सबवे पर हुए आतंकवादी हमले में बच गईं थीं। उस वक्त निधि जेट एयरवेज के साथ काम करती थीं। चर्चा में एक फोटो दिखाई गई जिसमें वह ब्रसेल्स हवाई अड्डे पर घायल बैंठी हैं उनके कपड़े अस्त व्यस्त हैं और चेहरे पर खौफ है।
उन्होंने कहा,‘‘मेरा नाम निधि चापेकर है और मैं बेल्जियम के इतिहास में अब तक हुए आतंकवाद के सबसे घातक हमले में जीवित बचे लोगों में से एक हूं।’’ चापेकर ने कहा कि विस्फोट में वह बुरी तरह घायल हो गई थीं और आज भी वह उसका दंश झेल रही हैं। उन्होंने कहा,‘‘ मैंने जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष किया।’’ वह 23 दिनों कोमा में थीं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र उन परिवारों के के साथ है जिन्होंने अपने प्रियजन खोए हैं, वह उन लोगों के साथ है आतंकवादी हमले में घायल हुए और जिनकी जिंदगी आतंकवादी घटनाओं के बाद पूरी तरह से बदल गई।