गाजा संघर्ष में मध्यस्थता कर रहे मिस्र को व्यापक प्रभाव की उम्मीद

मिस्र ने पश्चिम एशिया में अत्यावश्यक मध्यस्थ के तौर पर खुद को फिर से स्थापित कर लिया जब बृहस्पतिवार को उसने इजराइल और हमास युद्ध में सफलतापूर्वक संघर्षविराम समझौते की मध्यस्थता की।

काहिरा। मिस्र ने पश्चिम एशिया में अत्यावश्यक मध्यस्थ के तौर पर खुद को फिर से स्थापित कर लिया जब बृहस्पतिवार को उसने इजराइल और हमास युद्ध में सफलतापूर्वक संघर्षविराम समझौते की मध्यस्थता की।

कम समय तक चले लेकिन बेहद महंगे साबित हुए इस युद्ध में सैकड़ों लोग मारे गए और गाजा पट्टी में बहुत बर्बादी हुई।

काहिरा में, सरकारी मीडिया ने कहा कि लड़ाई में ठहराव शुक्रवार तड़के से प्रभावी होगा और मिस्र के दो प्रतिनिधिमंडल तेल अवीव और फलस्तीन क्षेत्र में जाकर समझौते के क्रियान्वयन पर अमल को देखेंगे।

यह ताजा उदाहरण है जिसमें मिस्र ने इजराइल और गाजा के सत्तारूढ़ चरमपंथी हमास समूह के बीच मध्यस्थता की है जिन्होंने महज एक दशक में चार युद्ध लड़े हैं।

मिस्र की सीमा इजराइल और गाजा पट्टी दोनों के साथ लगती है और 2005 में गाजा से इजराइल के पीछे हटने और 2007 में हमास के क्षेत्र पर कब्जा कर लेने के बाद से वह मुख्य भूमिका निभाता रहा है।

राजनयिक अधकारियों के मुताबिक, हालिया 11 दिन के युद्ध में मिस्र ने ऐसी रूपरेखा उपलब्ध कराने का काम किया है जिसपर दोनों पक्ष सहमत हो सकें। यह तत्काल साफ नहीं हो सका कि संघर्षविराम की शर्तें क्या-क्या हैं, लेकिन इसकी सफलता देश की कूटनीतिक विश्वसनीयता को जरूर मजबूत करेगी।

First Published on: May 21, 2021 11:38 AM
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