सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल युवाओं में पैदा कर सकता है अवसाद: शोध


सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करने वाले युवा वयस्कों में छह महीने के भीतर अवसाद विकसित होने का अंदेशा रहता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है।


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न्यूयॉर्क। सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग करने वाले युवा वयस्कों में छह महीने के भीतर अवसाद विकसित होने का अंदेशा रहता है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसॉर्डर रिपोर्ट्स में प्रकाशित निष्कर्षो से पता चला है कि उच्च सहमति वाले लोगों में कम सहमति वाले लोगों की तुलना में उदास होने की संभावना 49 प्रतिशत कम थी।

अलबामा विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर चुनहुआ काओ ने कहा, “हालांकि, साहित्य में इस तरह के अध्ययनों की कमी रही है, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित हो कि विभिन्न व्यक्तित्व सोशल मीडिया के उपयोग और अवसाद के बीच सामंजस्य कैसे बिठाते हैं।”

टीम ने यह भी पाया कि प्रतिदिन 300 मिनट से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग करने पर उच्च विक्षिप्तता वाले लोगों में कम विक्षिप्तता वाले लोगों की तुलना में अवसाद विकसित होने की संभावना दोगुनी थी।

टीम ने 18 से 30 वर्ष आयु के 1,000 से अधिक अमेरिकी वयस्कों पर अध्ययन किया।

रोगी स्वास्थ्य प्रश्नावली का उपयोग करके अवसाद को मापा गया। प्रतिभागियों से पूछा गया कि लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग वे रोजाना कितनी देर तक करते हैं।

शोधार्थियों ने बिग फाइव इन्वेंटरी का उपयोग करके व्यक्तित्व को मापा गया और खुलेपन, कर्तव्यनिष्ठा, अपव्यय, सहमतता और विक्षिप्तता का आकलन किया।

लेखकों का सुझाव है कि समस्याग्रस्त सामाजिक तुलना स्वयं और दूसरों के बारे में नकारात्मक भावनाओं को बढ़ा सकती है, जो यह बता सकती है कि सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ अवसाद का जोखिम कैसे बढ़ता है।