
न्यूयॉर्क। फेसबुक अमेरिकी मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक करने और उन्हें आधिकारिक जानकारी मुहैया कराने के लिए व्यापक स्तर पर एक अभियान चलाने जा रहा है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जैसे नेताओं को गलत जानकारियां साझा करने से रोकने का उसका कोई इरादा नहीं है।
अमेरिका में इस साल नवम्बर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। सोशल मीडिया कम्पनी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक ‘वोटिंग इन्फोर्मेशन सेंटर’ (मतदान जानकारी केन्द्र) खोलने जा रही है, जिसमें मतदान के लिए पंजीकरण की जानकारी, मतदान केन्द्रों और मेल के जरिए मतदान आदि की जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
इसके लिए राज्य चुनाव आयोग और स्थानीय चुनाव अधिकारियों से जानकारी हासिल की जाएगी। यह ‘वोटिंग इन्फोर्मेशन सेंटर’ का विकल्प लोगों को बुधवार से उनकी ‘फेसबुक न्यूज फीड’ में दिखेगा और थोड़े समय बाद इसे इंस्टाग्राम पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। कम्पनी ने कोविड-19 संबंधी जानकारी मुहैया कराने के लिए भी इस साल एक ऐसा ही ‘कोराना वायरस इन्फोर्मेशन सेंटर’ शुरू किया था।
फेसबुक और उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग मेल से होने वाले मतदान को लेकर ट्रम्प द्वारा साझा की गई गलत जानकारी ना हटाने को लेकर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। कई लोगों ने तो इसे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा भी करार दिया है।
जुकरबर्ग ने इस माह की शुरुआत में कहा था कि ‘‘मुझे पता है कि कई लोग इस बात से नाराज हैं कि हमने राष्ट्रपति की पोस्ट नहीं हटाई, लेकिन हमारी स्थिति यह है कि हमें यथासंभव अभिव्यक्ति को सक्षम बनाना चाहिए’’, जब तक कि यह किसी विशिष्ट खतरे का कारण ना हो। मंगलवार को जुकरबर्ग ने एक बार फिर यह बात दोहराई।
उन्होंने लिखा, ‘‘ मेरा मानना है कि नेताओं को जवाबदेह ठहराने का सबसे अच्छा तरीका मतदान है। मेरा मानना है कि हमें विश्वास करना चाहिए कि मतदाता अपना निर्णय स्वयं ले पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए मेरा मानना है कि हमें मतदाताओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के महत्वाकांक्षी प्रयास करते हुए अपने मंच को अभिव्यक्ति के लिए जितना संभव हो सके, उतना खुला रहना चाहिए।