संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि शरणार्थियों के लिए उनके मेजबान देशों में वहां के बच्चों की तुलना में शिक्षा के अवसर बेहद सीमित हैं। एजेंसी ने कहा कि जिन बच्चों को अपना देश छोड़कर कहीं और बसने पर मजबूर होना पड़ा है, उन्हें भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच मिलनी चाहिए।
‘ऑल इंक्लूसिव द कैंपेन फॉर रिफ्यूजी एजुकेशन’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अकादमिक सत्र 2020-21 में दुनियाभर में 42 प्रतिशत शरणार्थी बच्चे प्री-स्कूल (नर्सरी, किंडरगार्टन) में शिक्षा ले रहे थे, जबकि 68 प्रतिशत बच्चे प्राथमिक और 37 फीसदी बच्चे माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे। वहीं, इस सत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले शरणार्थी विद्यार्थियों की संख्या मात्र छह प्रतिशत थी।
शरणर्थियों के लिए संरा उच्चायोग के शिक्षा विभाग की प्रमुख बेकी टेलफोर्ड ने एक संवाददाता सम्मेलन में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि विस्थापितों और शरणार्थियों की संख्या बढ़ने के साथ ही यह जरूरी हो गया है कि इन कमियों को दूर किया जाए।
रिपोर्ट में 40 देशों के आंकड़े शामिल किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि लाखों शरणार्थी बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के वास्ते साझेदारी मजबूत करनी होगी।
टेलफोर्ड ने कहा कि हालांकि, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले शरणार्थियों की संख्या बेहद कम है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह एक प्रतिशत से बढ़कर तीन प्रतिशत और अब छह प्रतिशत हो गई है।