इस्लामाबाद । पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इमरान खान कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक मुल्क के प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा प्रधानमंत्री, कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक पद पर बने रहेंगे।
इससे पहले, कैबिनेट सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि खान ‘‘तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहे।’’
हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 94 के तहत राष्ट्रपति ‘‘निवर्तमान प्रधानमंत्री को तब तक पद पर बने रहने के लिये कह सकते हैं, जब तक कि उनका उत्तराधिकारी प्रधानमंत्री का पदभार संभाल नहीं लेता।’’
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘इमरान अहमद खान नियाजी पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 ए (4) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे।’’
صدر مملکت ڈاکٹر عارف علوی کا قائد حزب اختلاف میاں محمد شہباز شریف کے نام خط
وزیرِ اعظم عمران خان نے جسٹس ریٹائرڈ گلزار احمد کا نام بطور نگران وزیراعظم تجویز کیا ہے، صدر مملکت
صدر مملکت کو نگران وزیراعظم کا تقرر وزیر اعظم اور قائد حزب اختلاف کی مشاورت سے کرنا ہے، صدر مملکت pic.twitter.com/25r1uLdVrc
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) April 4, 2022
पाकिस्तान के राष्ट्रपति अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया था। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। खान ने संसद के निचले सदन, 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।
देश के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने पाकिस्तान की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सभी आदेश और उठाए गए सभी कदम अदालत के आदेश पर निर्भर होंगे। न्यायाधीश बंदियाल ने इसके साथ ही इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी थी।
उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने सप्ताहांत के बावजूद प्रारंभिक सुनवाई की तथा राष्ट्रपति अल्वी और नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष सूरी सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को कोई भी असंवैधानिक कदम उठाने से बचने का आदेश दिया और मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी थी।
इससे पहले, विपक्ष ने शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था और सदन में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली को भंग किए जाने को चुनौती देने की अपनी पार्टी के फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘हम उपाध्यक्ष के फैसले और प्रधानमंत्री की सलाह को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने जा रहे हैं।’’
संविधान से जुड़े मामलों की जानकारी रखने वाले वकील सलमान अकरम रजा ने कहा, ‘‘उपाध्यक्ष द्वारा की गयी पूरी प्रक्रिया और संसद भंग करने की प्रधानमंत्री की सलाह असंवैधानिक है।’’