
न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी20 देशों से कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किसी भी प्रकार से नहीं करने देने की अपनी प्रतिबद्धता लागू करनी चाहिए और दुनिया को एक ऐसी व्यापक एवं समावेशी प्रक्रिया की अपेक्षा है जिसमें अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें उच्चस्तरीय सत्र के इतर बुधवार को जी20 के विदेश मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित किया, जिसमें अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर चर्चा की गई।
जयशंकर ने डिजिटल बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर काम करना चाहिए। सहायता देने वालों को निर्बाध, बिना किसी प्रतिबंध के और सीधी पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।’’
Addressed the G20 Foreign Ministers’ Meeting on Afghanistan.
International community must come together in response to humanitarian needs.
Assistance providers must be accorded unimpeded, unrestricted and direct access. pic.twitter.com/F737SoCgHL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 22, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किसी भी प्रकार से नहीं करने देने की तालिबान की प्रतिबद्धता का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। दुनिया को एक ऐसी व्यापक एवं समावेशी प्रक्रिया की उम्मीद है, जो अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हो।’’
Taliban’s commitment not to allow use of Afghan soil for terrorism in any manner should be implemented.
The world expects a broad based inclusive process that involves representation from all sections of Afghan society.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 22, 2021
अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद तालिबान ने पिछले महीने वहां अपना कब्जा कर लिया है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगाा।
जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593 वैश्विक भावना को दर्शाता है और इसे ‘‘हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखना चाहिए। भारत की भागीदारी अफगान लोगों के साथ उसकी ऐतिहासिक मित्रता से संचालित होगी’’।
भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने अगस्त में एक प्रस्ताव पारित कर अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने तथा उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किए जाने की मांग की । प्रस्ताव में उम्मीद जतायी गई कि अफगानिस्तान के लोगों और विदेशी नागरिकों के अफगानिस्तान से सुरक्षित एवं व्यवस्थित प्रस्थान के संबंध में तालिबान अपने द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जी20 बैठक के बाद ट्वीट किया कि अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए हुई यह बैठक लाभकारी रही। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिलकर उम्मीद करता है कि तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा।’’