गावी के सीईओ सेठ बर्कली ने ‘सीबीएस न्यूज’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ भारत दुनिया में विकासशील देशों के लिए सबसे अधिक टीकों की आपूर्ति कर रहा है। भारत में कोविड-19 की नई लहर के मद्देनजर भारत सरकार ने अपने टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया है और इसका मतलब है कि उसे अधिक खुराक की जरूरत होगी, यानी दुनिया में वे कम टीकों की आपूर्ति कर पाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम मार्च और अप्रैल में टीके की नौ करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद कर रहे थे और अब हमें संदेह है कि हमें इतनी खुराक मिल पाएगी और यही समस्या है।’’
‘गावी अलायंस’ सार्वजनिक-निजी वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी है, जो विकासशील देशों के लिए टीके प्रदान करने का काम करती है।
बर्कली ने कहा, ‘‘ लेकिन हमारी उम्मीद अब भी बरकरार है क्योंकि धनी देश अपनी अधिकतर आबादी को टीके मुहैया करा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही बाकी विश्व के लिए भी टीके उपलब्ध कराएंगे, साथ ही उनका भी जिनका वे इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अमेरिका के पास केवल ‘मॉडर्ना’, ‘फाइजर’ और ‘जेएंडजे’ के टीके नहीं, बल्कि उसके पास ‘नोवावैक्स’ और ‘एस्ट्राजेनेका’ के टीके भी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इन्हें उपलब्ध कराया जा सकता है, इससे विश्व में टीकों की आपूर्ति में एक बड़ी मदद मिलेगी।’’
वाशिंगटन। ‘ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन’ (गावी) के प्रमुख ने कहा कि भारत में अचानक कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर वह दुनियाभर में टीकों की आपूर्ति कम कर सकता है।