व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस सलाहकार परिषद में भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना शामिल


खन्ना नेकहा किहमने पहले से ही देखा है कि अमेरिका चीन, जर्मनी और अन्य देशों पर महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बहुत निर्भर था। जैसे कि आइजनहावर ने शीत युद्ध के दौरान किया था, अगर हम अमेरिकी नवाचार की ताकत का पूरा इस्तेमाल करते हैं, तो हम अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत बनाने के लिए अमेरिकी उद्योग के भविष्य को नया रूप दे सकते हैं।


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वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना को व्हाइट हाउस कोरोना वायरस सलाहकार परिषद में नियुक्त किया गया है। खन्ना (43) व्हाइट हाउस के ‘ओपनिंग अप अमेरिका अगेन कांग्रेशनल ग्रुप’ में नामित एकमात्र भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं, जिसमें रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के सांसद और सीनेटर शामिल हैं। समूह की पहली बैठक बृहस्पतिवार को फोन कॉल के माध्यम से आयोजित की गई थी।
व्हाइट हाउस ने बैठक के विवरण की जानकारी देते हुए कहा कि बातचीत में कई विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें ‘पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम’ के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाएं, अर्थव्यवस्था को सक्रिय करने के तरीके, चिकित्सा बिलिंग, आवश्यक और गैर-आवश्यक श्रमिकों के बीच अंतर को स्पष्ट करना, मानसिक स्वास्थ्य और छोटे व्यवसायों के लिए राहत प्रदान करने संबंधी कई मुद्दे शामिल थे।
‘पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम’ अमेरिकी लघु व्यापार प्रशासन (एसबीएस) की तरफ से कारोबारियों को दिया जाने वाला कर्ज है ताकि कोरोनावायरस के इस दौर में उनके कर्मी काम करते रहें। इसके अलावा समूह ने कोविड-19 इलाज और जांच, वेंटिलेटर, फेस मास्क और अन्य पीपीई किटों की शीघ्र व्यवस्था पर भी चर्चा की। खन्ना ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर परिषद के सदस्य के रूप में वह अमेरिकियों को राहत दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में शुक्रवार को मृतकों की संख्या 34,500 पहुंच गई। देश में इसके संक्रमण के 6,83,000 मामले है। खन्ना ने कहा कि परिषद के सदस्य के रूप में, वह अमेरिकियों को कोरोना वायरस से निजात दिलाना चाहते हैं और वह इससे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्नत विनिर्माण, नवीन वैज्ञानिक तकनीक और स्मार्ट प्रौद्योगिकी में निवेश करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले से ही देखा है कि अमेरिका चीन, जर्मनी और अन्य देशों पर महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बहुत निर्भर था। जैसे कि आइजनहावर ने शीत युद्ध के दौरान किया था, अगर हम अमेरिकी नवाचार की ताकत का पूरा इस्तेमाल करते हैं, तो हम अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत बनाने के लिए अमेरिकी उद्योग के भविष्य को नया रूप दे सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि मैंने अपने कई डेमोक्रेटिक सहयोगियों के साथ मिलकर व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस सॉफ्टवेयर सलाहकार परिषद में राष्ट्रपति ट्रम्प के निमंत्रण को स्वीकार करने का फैसला किया है।



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