ममूजू (इंडोनेशिया) । इंडोनेशिया के सुलावे सी प्रायद्वीप में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप के बाद शनिवार को बचावकर्मियों को क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुलों, बिजली गुल होने तथा भारी उपकरणों की कमी के बीच राहत कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बृहस्पतिवार मध्यरात्रि आए भूकंप के कारण अब तक कम से कम 42 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख सैदर रहमानिया ने कहा कि भूकंप से बुरी तरह प्रभावित ममूजू शहर में लगभग 10 स्थानों में चल रहे बचाव अभियानों पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है, जहां अभी भी लोगों के फंसे होने की आशंका है।
शुक्रवार देर रात भोजन, तंबू, कंबल और अन्य जरूरी सामान लेकर मालवाहक विमान जकार्ता में उतरे। ये सामान अस्थायी आश्रयों में वितरित किए जाएंगे। इस बीच, हजारों ने लोगों ने भूकंप के बाद आने वाले झटकों और सुनामी की आशंका के डर से खुले आसमान के नीचे रात गुजारी।
राष्ट्रीय आपदा मोचन एजेंसी के प्रवक्ता रादित्य जाति ने कहा कि ममूजू में 34 लोगों की मौत हुई है जबकि करीब 200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
इंडोनेशिया की धरती शुक्रवार को भूकंप के जोरदार झटकों से थर्रा उठी। रात के 2 बजकर 18 मिनट पर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। इसके बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
मालूम हो कि इससे पहले इंडोनेशिया में कई बार भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए जा चुके हैं। 2018 में 7.5 तीव्रता के साथ सुलावेसी आइसलैंड के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान कम से कम 4,300 लोगों की मौत हुई थी और काफी लोग लापता भी हुए थे। वहीं 2004 में 26 दिसंबर को इंडोनेशिया में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 222,000 लोगों की मौत हो गई थी।