
इस्लामाबाद । इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को धरना-प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने का निर्देश दिया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने यह टिप्पणी राजधानी में धरने के लिए अनुमति न देने पर सरकार के खिलाफ पीटीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान की।
पीटीआई ने 31 अक्टूबर को एक याचिका दायर कर अपने लॉन्ग मार्च के दौरान लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के अलावा धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी।
आईएचसी ने बुधवार को संघीय राजधानी के प्रशासन को पीटीआई को धरने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने पर नोटिस जारी किया था और आज उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि तलब करने के बावजूद इस्लामाबाद प्रशासन के अधिकारी पेश नहीं हुए।
न्यायमूर्ति आमेर फारूक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल अदालत में तलब करते हुए कहा, यह दीवानी अदालत नहीं, यह उच्च न्यायालय है। बाद में इस्लामाबाद के एडवोकेट जनरल बैरिस्टर जहांगीर जादून और इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर कोर्ट में पेश हुए।
इस बीच जहांगीर ने लॉन्ग मार्च के संबंध में पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के विचारों की जानकारी दी। जादून ने कहा कि पीटीआई के पिछले लॉन्ग मार्च में नुकसान हुआ था और पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
महाधिवक्ता ने बताया कि पीटीआई उसी स्थान पर रैली करने की अनुमति मांग रहा है, जहां उन्होंने मार्च में रैली करने के लिए कहा था। जादून ने कहा, पीटीआई ने हमेशा नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए हमें उन पर भरोसा नहीं है। इस बीच पीटीआई के वकील बाबर अवान ने कहा कि मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है, हमें इस पर बहस नहीं करनी चाहिए।