लॉकडाउन के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध के विजय दिवस पर नहीं दिखी रौनक

लॉकडाउन की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने की वर्षगांठ पर शुक्रवार को यूरोपीय नेताओं ने साधारण तरीके से इस दिन को याद किया वहीं यूरोप में हर साल सड़कों पर जश्न मनाने उतरने वाली जनता भी नदारद रही।

पेरिस। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉगू लॉकडाउन की वजह से द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने की वर्षगांठ पर शुक्रवार को यूरोपीय नेताओं ने साधारण तरीके से इस दिन को याद किया वहीं यूरोप में हर साल सड़कों पर जश्न मनाने उतरने वाली जनता भी नदारद रही। यूरोप में करीब 75 साल पहले विश्वयुद्ध की समाप्ति के साथ महाद्वीप में नरसंहार समाप्त होने की खुशी में लाखों लोग ध्वजों के साथ सड़कों पर नृत्य करते और विजयी संकेत दिखाते हुए उतर गए थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

ब्रिटेन में इस बार सड़कों पर पार्टी करने पर रोक है। फ्रांस में राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने आर्क डी ट्रियोम्फे स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। चैंप्स-एलिसेस एवेन्यू स्थित इस स्मारक पर उस समय कोई नहीं था क्योंकि देश में सख्त लॉकडाउन नियम लागू है जो सोमवार तक प्रभावी रहेगा।

इससे एक दिन पहले, मैक्रों ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से बात की थी जिन्होंने स्वयं मॉस्कों में शनिवार को होने वाली विशाल विजय दिवस परेड को कोरोना वायरस महामारी की वजह से रद्द कर दिया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, मैक्रों ने कहा, ‘‘महामारी की वजह से महाद्वीप और बाकी दुनिया में शांति और स्थिरता का निर्माण पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।’’

कोविड-19 से करीब 26 हजार लोगों की मौतों की वजह से फ्रांस दुनिया के सबसे प्रभावित पांच देशों में शामिल है। ब्रिटेन 30 हजार मौतों के साथ अमेरिका के बाद कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश है। अमेरिका में अब तक 76 हजार लोगों की मौत हुई है। रूस में अब तक कोरोना वायरस से 1,625 लोगों की मौत हुई है लेकिन नये संक्रमितों की संख्या रोजाना 10 हजार की दर से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का विश्वास है कि खासतौर पर रूस में मौतों का आंकड़ा कम कर बताया जा रहा है ताकि कोरोना वायरस के असर को कम कर दिखाया जा सके।

जर्मनी में राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर, चांसलर एंजेला मर्केल और संसद और शीर्ष अदालत के प्रमुख ने युद्ध और बर्लिन हिंसा में मारे गए लोगों की याद में बने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

स्टीनमीयर ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी हमें अकेले जश्न मनाने के लिए मजबूर कर रही है।’’ उन्होंने जर्मन लोगों का आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस की महामारी के बीच खुद को यूरोपीय समझें और उसी के अनुरूप कार्य करें।’’

First Published on: May 9, 2020 7:03 AM
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