रोम। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा बुलाई गयी शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार के लिए विश्वसनीय स्रोत, पारदर्शिता और समय सीमा तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं। इस वार्ता का आयोजन जी 20 से इतर किया गया।
‘वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन’ पर शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने दवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य सामान के विश्वसनीय स्रोत के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा बनायी है और वह अब स्वच्छ प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखला में भूमिका निभाने पर भी गौर कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सुझाव देता हूं कि हमें अपने दलों को एक निर्धारित समयसीमा के भीतर हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित कार्य योजना बनाने के लिए जल्द से जल्द मुलाकात करनी चाहिए।’’
इस शिखर वार्ता के आयोजन के लिए बाइडन का आभार जताते हुए मोदी ने याद किया कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने पदभार संभाला था तो उन्होंने कहा था, ‘अमेरिका वापस आ गया है’ और ‘मैं कहूंगा कि आपका स्वागत है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘महामारी के शुरुआती महीनों में हम सबने महसूस किया कि आवश्यक दवाओं, स्वास्थ्य उपकरणों और टीकों को बनाने के लिए कच्चे माल की कमी है। अब जब विश्व आर्थिक बहाली के लिए तैयार हो रहा है तो सेमीकंडक्टरों और अन्य सामान की आपूर्ति की समस्याएं स्वस्थ वृद्धि की राह में आ रही हैं।’’
उन्होंने पूछा कि दुनिया में किसने सोचा था कि कभी जहाज के कंटेनरों की भी कमी होगी। उन्होंने कहा कि टीकों की वैश्विक आपूर्ति में सुधार लाने के लिए भारत ने कोविड टीकों का निर्यात बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बेहतर और किफायती कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराने के लिए अपने क्वाड साझेदारों के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं।’’
मोदी ने कहा कि भारत अगले वर्षों में दुनिया के लिए पांच अरब कोविड टीके बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए भी यह महत्वपूर्ण है कि कच्चे सामान की आपूर्ति में कोई बाधा न हो।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार के लिए तीन पहलू सबसे महत्वपूर्ण हैं -विश्वसनीय स्रोत, पारदर्शिता और समयसीमा। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हमारी आपूर्ति विश्वसनीय स्रोतों से हो। यह साझा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता के लिए यह भी आवश्यक है कि उसमें पारदर्शिता हो। उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शिता के अभाव में आज हम देख रहे हैं कि दुनियाभर में कई कंपनियां छोटी-छोटी चीजों की कमी का सामना कर रही हैं। अगर अहम वस्तुओं का समय पर बंदोबस्त नहीं होता तो इससे बड़ा नुकसान हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान दवा और चिकित्सा आपूर्ति के मामले में हमने यह देखा है। इसलिए समयबद्ध सीमा के भीतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमें अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लानी होगी। इसके लिए विकासशील देशों में वैकल्पिक निर्माण क्षमता विकसित करनी होगी।’’
रोम में हुई इस शिखर वार्ता में अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कांगो गणराज्य, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, इटली, जापान, मेक्सिको, नीदरलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, स्पेन और ब्रिटेन ने भाग लिया।
व्हाइट हाउस ने इस वार्ता में कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की समृद्धि, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामूहिक हितों के लिए सुरक्षित, सतत और लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं अहम हैं।