पेरिस। कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित दो देश-फ्रांस और स्पेन ने लॉकडाउन खत्म करने के लिए मंगलवार को अलग-अलग योजनाएं सामने रखीं। वहीं, संक्रमण को रोकने की दिशा में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को बहुत हद तक कामयाबी मिली है। दूसरी तरफ ब्राजील में संक्रमण फैलता जा रहा है। इस पर भी संदेह गहरा गया है कि टीका का विकास हुए बिना क्या जापान अगले साल भी ग्रीष्मकालीन ओलंपिक का आयोजन कर सकेगा। पहले ही इसका आयोजन टल चुका है।
यूरोप सहित पूरी दुनिया में बड़ा सवाल यही है कि स्कूल-कॉलेज कब खुलेंगे। दूसरी तरफ सभी देश लॉकडाउन में ढील देकर बैठ चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से आवेग देने पर विचार कर रहे हैं। बुजुर्गों की तुलना में बच्चों पर संक्रमण का असर कम हुआ है, लेकिन कई अधिकारी, शिक्षक और अभिभावक स्कूल खोले जाने से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जोखिम से भी चिंतित हैं।
फ्रांस में राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों 11 मई से स्कूलों को फिर से खोलना चाहते हैं, लेकिन अध्यापक, अभिभावक और कुछ मेयरों ने इस कदम पर चिंता प्रकट की है। सरकार ने कहा है कि यह अभिभावकों पर निर्भर करेगा कि वे अपने बच्चों को कक्षाओं में भेजें या नहीं। इस बारे में और विवरण प्रधानमंत्री मंगलवार को जारी करेंगे।
दुनिया में संक्रमण से सबसे ज्यादा मौत अमेरिका में हुई है। वहां मृतकों की संख्या 56,000 से अधिक हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि राज्यों को शैक्षिक वर्ष समाप्त होने के पहले अपने-अपने स्कूलों को खोलने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जबकि, कई प्रांत पहले ही कह चुके हैं कि संक्रमण के मामले घटने तक स्कूलों को खोलना बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होगा। इटली, स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में प्रत्येक में 21-21 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है।
ब्राजील में राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने कहा है कि कोविड-19 कुछ-कुछ बुखार जैसा है और संक्रमण रोकने के लिए यूरोप तथा अमेरिका में लगायी गयी पाबंदी की तरह उपाय करने की जरूरत नहीं है।
लातिन अमेरिका में सबसे घनी आबादी वाले देश ब्राजील में संक्रमण से 4600 लोगों की मौत हुई है और 67000 लोग संक्रमित हुए हैं। लेकिन बड़े स्तर पर जांच नहीं होने के कारण संक्रमण के कई मामलों के सामने नहीं आने की भी आशंका है।
रियो डी जेनेरिया और चार बड़े शहरों के चिकित्सा अधिकारी चेता चुके हैं कि उनके अस्पतालों की व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर है। ऐसे भी संकेत हैं कि घर पर ही कई लोगों की मौत हुई है।
न्यूजीलैंड में मंगलवार को संक्रमण के महज तीन मामले सामने आए। प्रधानमंत्री जेंसिंडा अर्डर्न ने कहा कि संक्रमण की कड़ियां तोड़ने में लोगों ने सराहनीय काम किया है, लेकिन आगे भी चौकस रहने की जरूरत है।