उत्तर कोरिया का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वाशिंगटन ने कहा था कि उसने प्योंगयांग से विभिन्न माध्यमों से संपर्क साधने का प्रयास किया लेकिन बदले में कोई जवाब नहीं मिला।
उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चो सोन हुई की ओर से यह बयान दक्षिण कोरिया और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों और रक्षा प्रमुखों के बीच सियोल में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले आया है। यह संयुक्त बैठक उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए पांच वर्षों में पहली बार होने जा रही है।
सरकारी मीडिया ने चो के हवाले से कहा, ‘‘हमें ऐसा नहीं लगता है कि अमेरिका के टालने वाले रवैये पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत है। हम पहले ही अपना रुख बता चुके हैं कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तब तक कोई वार्ता नहीं हो सकती है जब तक अमेरिका उत्तर कोरिया के प्रति शत्रुतापूर्ण नीतियों को बंद नहीं करता है। इसलिए हम भविष्य में भी अमेरिका की तरफ से बातचीत के लिए होने वाली किसी भी कोशिश को नजरअंदाज करेंगे।’’
उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका नीत बातचीत पिछले दो वर्षों से लंबित है क्योंकि उत्तर कोरिया अमेरिका के नेतृत्व में अपने पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रहा है।
विशेषज्ञों के बीच इस बात को लेकर चर्चा जारी है कि क्या अमेरिका और उसके सहयोगियों को एक समझौते पर आना चाहिए जिसमें उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों में राहत दी जाए और बदले में उसे परमाणु हथियारों को आगे विस्तार देने से रोका जा सके।
इस सप्ताह की शुरूआत में अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन ने तोक्यो की यात्रा के दौरान कहा था कि वाशिंगटन ने फरवरी माह के मध्य से कई माध्यमों के जरिए उत्तर कोरिया से संपर्क किया लेकिन उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
सियोल। उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अमेरिका की तरफ से बातचीत की पेशकश को तब तक नजर अंदाज करते रहेगा जब तक वह उत्तर कोरिया के प्रति अपनी शत्रुतापूर्ण नीतियों को खत्म नहीं करता है।