यू्क्रेन-रूस युद्ध में किसी एक पक्ष में आने का दबाव बनाना स्वीकार्य नहीं : दक्षिण अफ्रीका


विदेश मंत्री ने इसके साथ ही अमेरिका के एक विधेयक की आलोचना की भी और कहा कि इस विधेयक में यूक्रेन युद्ध में साथ नहीं देने पर अफ्रीकी देशों को दंडित किए जाने का प्रावधान है।


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जोहानिसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में देशों पर किसी एक के पक्ष में आने का दबाव बनाना स्वीकार्य नहीं है। अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सहयोग मंत्री नालेडी पांडोर ने दक्षिण अफ्रीका की तीन दिवसीय यात्रा पर आए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का सोमवार को स्वागत किया। विश्लेषकों का मानना है कि ब्लिंकन की यह यात्रा क्षेत्र में चीन और रूस के बढ़ते दखल को कम करने की कवायद है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पिछले माह दक्षिण अफ्रीका आए थे।

पांडोर ने कहा कि वह इस बात से प्रसन्न हैं कि ब्लिंकन ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका से कोई पक्ष चुनने (रूस और यूक्रेन के बीच)को नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पर हालांकि यूरोप के कुछ देशों ने यूक्रेन पर उनकी नीतियों का साथ देने का दबाव डाला।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन यूरोप और अन्य जगहों के हमारे कुछ साझेदारों के साथ बातचीत में, ऐसे दबाव का आभास हुआ कि ‘आप ये चुनिये या फिर वो’….।’’

विदेश मंत्री ने इसके साथ ही अमेरिका के एक विधेयक की आलोचना की भी और कहा कि इस विधेयक में यूक्रेन युद्ध में साथ नहीं देने पर अफ्रीकी देशों को दंडित किए जाने का प्रावधान है।

मंत्री ने कहा कि सभी के लिए यह जरूरी है कि वे विभिन्न देशों की अलग-अलग राय का सम्मान करें। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मुद्दे पर तटस्थ रूख अपनाने पर अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंध थोड़ा तल्ख हुए हैं।