श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति की पहलों का शनिवार को स्वागत किया लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों को गुप्त वार्ता से आगे बढ़कर कश्मीर सहित सभी मुद्दों का समाधान करने के लिए खुली वार्ता करनी चाहिए।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पार्टी के एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा कहा है कि न केवल जम्मू कश्मीर, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की बेहतरी दोनों देशों की मित्रता में निहित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा है कि दोनों देश एक-दूसरे को धमकी देने के बजाय दोस्ती की बात कर रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’’
भारत और पाकिस्तान के बीच गुप्त वार्ता संबंधी खबरों का जिक्र करते हुए नेकां के उपाध्यक्ष ने कहा कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों के समाधान के लिए खुली बातचीत होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुना है कि गुप्त वार्ता आयोजित की गई थी, हम चाहते हैं कि वह दिन जल्द ही आये जब वे साथ में बैठेंगे तथा सभी मुद्दों पर खुली बातचीत करेंगे और बहुत सारे मुद्दे हैं जम्मू कश्मीर या कुछ और। हम उनसे चाहते हैं कि वे बातचीत के माध्यम से सभी मुद्दों का समाधान करें।’’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह वही कीमत है, जो केन्द्र की नीतियों का विरोध करने के लिए व्यक्ति चुकाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक मुफ्ती ऐसी पहली नेता नहीं हैं और न ही अंतिम नेता होंगी (जिनसे ईडी द्वारा पूछताछ की जायेगी)। दुर्भाग्यवश पिछले कुछ वर्षों में हमारा यह अनुभव रहा है कि केन्द्र की नीतियों का विरोध करने का खामियाजा इन एजेंसियों द्वारा तलब किये जाने के रूप में चुकाना पड़ता है। लेकिन, जहां भी ये कार्रवाई होगी, उनसे पूरी मजबूती से मुकाबला किया जाएगा।’’
इससे पूर्व पार्टी कार्यालय ‘मुजाहिद मंजिल’ में नेकां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान के संबंध में सकारात्मक बदलाव पूरे क्षेत्र में लंबे समय तक चलने वाली शांति और समृद्धि के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से जुड़ाव इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच बातचीत की अनिवार्यता संबंधी नेकां के रुख की पुष्टि करता है। पार्टी भारत-पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों की समर्थक है और इससे जम्मू कश्मीर तथा पूरे क्षेत्र के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि नेकां का हमेशा से यह मानना रहा है कि वार्ता का कोई विकल्प नहीं है और उन्होंने उम्मीद जताई कि मित्रता का यह नया मौका हाथ से नहीं जायेगा।
पांच अगस्त, 2019 को उठाये गये उस कदम का जिक्र करते हुए, जब केन्द्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया था, अब्दुल्ला ने कहा कि यह कदम जम्मू कश्मीर के विकास के नाम पर उठाया गया था लेकिन ‘‘सरकार अपने इस लक्ष्य से भटक गई है।’’ उन्होंने कहा कि नेकां सच्चाई, न्याय और लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए लड़ रही है।