संरक्षणवादी उपाय कभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये सकारात्मक नहीं रहे: रिपोर्ट

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नई दिल्ली। एशिया और प्रशांत के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएन-ईएससीएपी) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वैश्विक स्तर पर व्यापार में खुलेपन की वकालत की है। दोनों संस्थानों ने अपनी एक रिपोर्ट में एशियाई देशों से गैर-शुल्क बाधाओं समेत व्यापार पाबंदियों से बचने को कहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संरक्षणवादी उपाय कभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये सकारात्मक नहीं रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र ईएससीएपी और एडीबी ने रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं को देखते हुए एशियाई देशों से व्यापार प्रक्रिया डिजिटल और कागज रहित बनाने की भी वकालत की।

दो साल पर जारी होने वाली रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘देशों को निर्यात प्रतिबंधों और अन्य गैर-शुल्क बााधाओं से बचना चाहिए। उन्हें कोविड-19 के दौरान और उसके बाद लाए गए व्यापार प्रतिबंधों के मामले में पारदर्शिता भी बढ़ानी चाहिए। वैश्विक अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर संरक्षणवादी उपायों का प्रभाव कभी भी सकारात्मक नहीं रहा है।

एशिया-प्रशांत व्यापार सुगमीकरण रिपोर्ट 2021 में यह भी कहा गया है कि सीमापार व्यापार को डिजिटल रूप देने से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों को महत्वपूर्ण वस्तुओं तक पहुंचने में मदद मिलने की काफी उम्मीद है। विशेष रूप से उन देशों के लिये जो अनिश्चितता और संकट से निपटने को लेकर कमजोर स्थिति में हैं।

इसमें कहा गया है कि यदि देश डिजिटल व्यापार योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाते हैं, तो औसत व्यापार लागत में 13 प्रतिशत से अधिक की कमी आ सकती है।

ईएससीएपी-एडीबी अध्ययन में आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत बनाने की जरूरत बतायी गयी है। इसका कारण कोविड-19 महामारी की वजह से व्यापार नेटवर्क, माल भंडार और वित्तपोषण की समस्याएं सामने आई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल व्यापार बाधाओं को कम करके सतत और विकास-केंद्रित लाभों का समर्थन कर सकता है। डिजिटल और सतत समूह के लिए क्षेत्रीय औसत कार्यान्वयन दर क्रमशः 58 प्रतिशत और 55 प्रतिशत है।

इसमें कहा गया है कि जिन देशों ने डिजिटल व्यापार सुगमीकरण समूह को लागू किया है, उनका प्रदर्शन सतत व्यापार सुगमीकरण समूह में भी बेहतर रहा है।कुल मिलाकर अल्पविकसित देशों के मुकाबले विकसित देशों का प्रदर्शन डिजिटल और सतत व्यापार के मामले में बेहतर रहा है।

चीन, भारत, दक्षिण कोरिया कुछ ऐसे देश हैं, जिनका प्रदर्शन सतत व्यापार सुगमीकरण के मामले में बेहतर रहा है। वहीं आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड डिजिटल व्यापार सुगमीकरण के मामले में बेहतर प्रदर्शन करने वालों में शमिल हैं जबकि सिंगापुर में दोनों समूह (डिजिटल और सतत समूह) में औसत क्रियान्वयन दर 90 प्रतिशत से अधिक है।