न्यूजीलैंड में ब्रिटिश अधिकारी हैमिल्टन की प्रतिमा हटाई गई


न्यूजीलैंड के हैमिल्टन शहर में ब्रिटेन के उस नौसेना अधिकारी की कांसे की प्रतिमा शुक्रवार को हटा दी गई जिस पर 1860 के दशक में माओरी जनजाति के लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया जाता है। यह प्रतिमा तब हटाई गई है जब एक दिन पहले माओरी जनजाति ने इस प्रतिमा को हटाने की मांग की थी और समुदाय के एक बुजुर्ग ने खुद इसे तोड़ने की धमकी दी थी।



वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के हैमिल्टन शहर में ब्रिटेन के उस नौसेना अधिकारी की कांसे की प्रतिमा शुक्रवार को हटा दी गई जिस पर 1860 के दशक में माओरी जनजाति के लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया जाता है।

यह प्रतिमा तब हटाई गई है जब एक दिन पहले माओरी जनजाति ने इस प्रतिमा को हटाने की मांग की थी और समुदाय के एक बुजुर्ग ने खुद इसे तोड़ने की धमकी दी थी।

दुनियाभर के अनेक शहरों में उन प्रतिमाओं को हटाने का सिलसिला चल पड़ा है जो सांस्कृतिक या नस्लीय दमन की याद दिलाती हैं। 

अमेरिका में काले व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद इसने एक अभियान का रूप ले लिया है।

मेयर पाउला साउथगेट ने कहा कि काफी संख्या में लोगों को लगता है कि यह प्रतिमा व्यक्तिगत और सांस्कृतिक रूप से आपत्तिजनक है। 

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘दुनियाभर में जो भी हो रहा है हम उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते और न ही हमें करना चाहिए। ऐसे वक्त में जब हम संस्कृतियों और समुदायों के बीच सहिष्णुता तथा समझ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह प्रतिमा उन खाइयों को भरने में हमारी मदद करती हैं।’’ इस शहर को माओरी लोग किरीकिरीरोआ नाम से बुलाते थे।

बता दें कि 1860 के दशक में ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन जॉन हैमिल्टन के नाम पर इस शहर का नाम रखा गया जो ताउरंगा शहर में गेट पा युद्ध में मारा गया था।

 शहर को 2013 में यह प्रतिमा भेंट की गई। वाइकातो-तैनुई जनजाति या ईवी ने बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से इसे हटाने का अनुरोध किया था। 

शहर के अधिकारियों ने कहा कि उनकी अभी इस शहर का नाम बदलने की कोई योजना नहीं है। हैमिल्टन 1,60,000 की आबादी वाला न्यूजीलैंड का चौथा सबसे बड़ा शहर है। शहर की कुल आबादी में एक चौथाई लोग माओरी जनजाति के हैं।



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