म्यांमार में दूसरे सप्ताह भी प्रदर्शन जारी रहने से तनाव


देश के सबसे बड़े शहर यांगून में पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक के बावजूद प्रदर्शनकारी लेडेन चौराहे पर एकत्र हुए और रैली निकाली।


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यांगून। म्यांमार में निर्वाचित सरकार के सैन्य तख्तापलट के विरोध में शनिवार को दूसरे सप्ताह भी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा और प्रदर्शनकारियों तथा सैन्य सरकार दोनों में से कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार होता नहीं दिखाई दे रहा है।

देश के सबसे बड़े शहर यांगून में पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक के बावजूद प्रदर्शनकारी लेडेन चौराहे पर एकत्र हुए और रैली निकाली।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सैन्य शासन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है और तब से ही एक फरवरी को हुए तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को अमेरिका का समर्थन माना जा रहा है। चीन को सत्तारूढ़ जनरलों का समर्थक माना जा रहा है।

देश के दूसरे बड़े शहर मंडाले में भी प्रदर्शन दोबारा शुरू हुए। बड़ी संख्या में वकील इकट्ठा हुए और उन्होंने प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सत्ता निर्वाचित असैन्य सरकार को लौटाई जाए और लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित नेता आंग सान सू ची और सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं को रिहा किया जाए।

वहीं वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग का कहना है कि चुनाव में धांधली हुई थी और सू ची की सरकार इसकी जांच कराने में विफल रही। उन्होंने सेना के तख्तापलट को जायज़ ठहराया। हालांकि इस आरोप को चुनाव आयोग खारिज कर चुका है।

राजनीतिक कैदियों से संबंधित संस्था ‘असिस्टेंस असोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर’ ने कहा कि सैन्य तख्तापलट के बाद से अब तक 326 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।