थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध: 14 की मौत, 4,000 ग्रामीणों को घर छोड़ना पड़ा

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विदेश Updated On :

 रूस और यूक्रेन के बीच जंग पिछले तीन साल से चल रही है, लेकिन अब भारत के पड़ोस में नया युद्ध शुरू हो गया है।  थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद ने गुरुवार को जबरदस्त हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें कम से कम 14 लोगों की जान चली गई। मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक हैं। एक आठ साल के बच्चे की मौत भी हुई है।

गुरुवार सुबह करीब 8 बजे, थाईलैंड के सुरिन और कंबोडिया के ओडार मेनचेय प्रांत की सीमा पर स्थित प्राचीन ‘ता मुएन थोम मंदिर’ के आसपास गोलीबारी शुरू हुई। पहले छोटे हथियार, फिर तोपें और रॉकेट, और अंततः थाईलैंड की वायुसेना ने F-16 लड़ाकू विमानों से बमबारी कर दी। ये वो मौका था जब दोनों देशों का दशकों पुराना विवाद धधक उठा। एक शांत सुबह अचानक धमाके सुनाई देने लगे। थाईलैंड के मुताबिक उसके 100,000 लोग युद्ध से विस्थापित हुए हैं। थाई सेना ने शुक्रवार को बताया कि कम्बोडियाई सेना ने भारी हथियारों, तोपखाने और मिसाइल प्रणालियों से लगातार बमबारी की।

कंबोडिया को कितना नुकसान हुआ?

कंबोडिया के अधिकारियों के अनुसार, सिर्फ गुरुवार की झड़पों में 4 नागरिक घायल हुए हैं और 4,000 से ज्यादा ग्रामीणों को अपने घर छोड़ने पड़े। अधिकतर लोग ट्रैक्टरों और हाथ से बने ठेलों पर अपने पूरे परिवार और सामान के साथ भागे, और 30 किलोमीटर दूर समरोंग शहर के पास अस्थायी शिविरों में पहुंचे।

थाईलैंड को युद्ध में कितना नुकसान हुआ?

थाईलैंड के मुताबिक, ये हमले छह सीमावर्ती प्रांतों में हुए और इनमें एक अस्पताल भी निशाना बना। एक सैनिक और 13 नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं मारे गए, जबकि 14 सैनिक और 32 नागरिक घायल हुए। थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने चार सीमावर्ती प्रांतों में लोगों को 50 किलोमीटर अंदर हटने के आदेश दिए हैं।

थाईलैंड ने कैसे दिया जवाब?

जवाबी कार्रवाई में थाईलैंड ने F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडियाई इलाके में बम गिराए। कंबोडिया ने कहा कि थाई बम प्राचीन मंदिर ‘प्रीह विहार’ के पास की सड़क पर गिरे, जो यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है। कंबोडियाई सांस्कृतिक मंत्रालय ने इसे ‘हमारी विरासत पर हमला’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय न्याय की मांग की है।

दोनों देश क्या कह रहे?

जहां थाईलैंड ने कंबोडिया को ‘अमानवीय, युद्धप्रिय और क्रूर’ बताया, वहीं कंबोडिया ने थाई कार्रवाई को ‘बिना उकसावे की सैन्य आक्रामकता’ करार दिया। थाईलैंड का कहना है कि संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब सीमा पर एक लैंडमाइन विस्फोट में उनके पांच सैनिक घायल हो गए। इसके बाद थाईलैंड ने कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया और अपना राजदूत फ्नॉमपेन्ह से वापस बुला लिया। जवाब में कंबोडिया ने भी अपने अधिकांश राजनयिकों को थाईलैंड से हटा लिया और दोनों देशों के रिश्ते ‘सबसे निचले स्तर’ पर पहुंच गए।

थाईलैंड-कंबोडिया विवाद पर क्या है दुनिया का रिएक्शन?

ASEAN के अध्यक्ष मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने दोनों देशों से तुरंत तनाव कम करने की अपील की है। चीन ने कंबोडिया में रह रहे अपने नागरिकों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है और उम्मीद जताई है कि ‘बातचीत से समाधान निकलेगा।’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी ‘अधिकतम संयम’ बरतने की अपील करते हुए ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का संकेत दिया है।



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