ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच यात्रा के लिए अब पृथक-वास में रहना नहीं होगा अनिवार्य


ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने यात्रा ‘बबल’ को मंजूरी देने का फैसला किया है। इसका अर्थ यह होता है कि जिन कुछ देशों में संक्रमण को काबू किया जा चुका है, वे पृथक-वास की अनिवार्यता के बिना एक दूसरे के लिए सीमाओं को खोलते हैं, लेकिन अन्य देशों के साथ सीमाएं बंद रखते हैं।


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वेलिंगटन (न्यूजीलैंड)। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच यात्रा के लिए अब लोगों को पृथक-वास में नहीं रहना पड़ेगा।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने यात्रा ‘बबल’ को मंजूरी देने का फैसला किया है। इसका अर्थ यह होता है कि जिन कुछ देशों में संक्रमण को काबू किया जा चुका है, वे पृथक-वास की अनिवार्यता के बिना एक दूसरे के लिए सीमाओं को खोलते हैं, लेकिन अन्य देशों के साथ सीमाएं बंद रखते हैं।

दोनों देशों के बीच यात्रा ‘बबल’ को लेकर बनी सहमति से उन लोगों को राहत मिली है, जो कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण अपने परिवारों से अलग रह रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच महीनों तक चली बातचीत के बाद पृथक-वास की अनिवार्यता समाप्त करने पर सहमति बनी है।

इस मौके पर वेलिंगटन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के मुख्य रनवे के निकट एक बड़ा स्वागत चिह्न बनाया गया है।

‘एयर न्यूजीलैंड’ की मुख्य संचालन अधिकारी कैरी हुरिहनगानयुई ने कहा कि उनकी कंपनी पहले दोनों देशों के बीच केवल दो या तीन उड़ानें ही संचालित कर रही थी, लेकिन सोमवार को 30 उड़ानें संचालित होंगी, जिनमें दोनों देशों के 5,200 लोग यात्रा करेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारिसन ने इस मौके पर कहा, ‘‘ यह फैसला ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दोनों के लिए लाभकारी होगा, जिससे हमारे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी।’’

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने भी यात्रा ‘बबल’ का स्वागत करते हुए कहा कि उनका देश नवागंतुकों का स्वागत करता है।