लंदन। ब्रिटेन के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम द्वारा बनाया गया नया ‘रेस्पिरेटर मास्क’ चिकित्सकीय परीक्षणों में प्रभावी साबित हुआ है जो कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात दाढ़ी वाले डॉक्टरों के चेहरे पर बिल्कुल फिट बैठता है। इस मास्क को ‘‘सिंह ठट्ठा’’ नाम दिया गया है।
इस मास्क के चलते अब दाढ़ी रखने वाले डॉक्टरों को दाढ़ी काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ बेडफोर्डशाइर के प्रोफेसर गुर्च रंधावा और डॉक्टर राजिंदर पाल सिंह ने सिख, यहूदी और मुस्लिम समुदाय से संबंधित दाढ़ी रखने वाले डॉक्टरों की समस्या के बारे में कई शिकायतें मिलने के बाद समाधान ढूंढ़ने पर काम शुरू किया।
विश्वविद्यालय में जनस्वास्थ्य विविधता के प्रोफेसर एवं विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के निदेशक रंधावा ने कहा, ‘‘क्योंकि रेस्पिरेटर मास्क पहनने के लिए दाढ़ी-मूंछ काटना अनिवार्य है, इसलिए सिख, यहूदी और मुस्लिम समुदाय से संबंधित दाढ़ी रखने वाले डॉक्टरों के सामने दुविधा उत्पन्न हुई।’’
रंधावा ने कहा कि इसी तरह की एक घटना अमेरिका में 2005 में हुई थी जब जब दाढ़ी रखने वाले एक सिख व्यक्ति को कैलिफोर्निया में सुधार अधिकारी का पद देने से इनकार कर दिया गया क्योंकि इस काम के दौरान कभी-कभी रेस्पिरेटर मास्क पहनने की आवश्यकता होती थी।
उन्होंने कहा कि संबंधित डॉक्टरों की समस्या के समाधान के लिए ऐसा नया ‘रेस्पिरेटर मास्क’ तैयार करने पर काम किया गया जो उनके चेहरे पर बिल्कुल फिट बैठे। यह इस तरह की चीज है जिसे सिख पारंपरिक रूप से ‘ठट्ठा’ कहते हैं।
पिछले कुछ महीनों से टीम ‘सिंह ठट्ठा’ तकनीक के प्रभाव को परख रही है जो चिकित्सकीय परीक्षणों में प्रभावी साबित हुई है। इस मास्क से संबंधित अनुसंधान रिपोर्ट पत्रिका ‘जर्नल ऑफ हेल्थ इन्फेक्शन’ में प्रकाशित हुई है।