वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले अपनी-अपनी प्रचार मुहिम के दौरान देश के जाने-माने संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. फौसी की विश्वसनीयता का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका में इस बार राष्ट्रपति पद की चुनाव प्रचार मुहिम ने ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिसीजेज’ प्रमुख डॉ. फौसी को असहज कर दिया है, जो जनस्वास्थ्य क्षेत्र में अपने पांच दशक से अधिक पुराने करियर में राजनीति से दूर रहे हैं।
ट्रम्प की चुनाव प्रचार मुहिम ने फौसी के मार्च में दिए गए एक साक्षात्कार के वीडियो का पिछले सप्ताह अपने विज्ञापन के तौर पर इस्तेमाल किया। इस वीडियो में फौसी कह रहे हैं कि ‘‘मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता’’ कि वायरस से निपटने के लिए ’’कोई और व्यक्ति इससे बेहतर काम कर सकता था’’। वीडियो में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि डॉ. फौसी राष्ट्रपति की प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन चिकित्सक का कहना है कि वह इस वीडियो में किसी एक व्यक्ति नहीं, बल्कि मोटे तौर पर संघीय सरकार की प्रशंसा कर रहे थे।
डॉ. फौसी ने कहा कि उन्होंने करीब पांच दशक के अपने करियर में किसी राजनीतिक उम्मीदवार का सार्वजनिक रूप से कभी समर्थन नहीं किया। डॉ. फौसी ने सोमवार को ‘सीएनएन’ से कहा कि ट्रम्प प्रचार मुहिम को इस विज्ञापन को हटा देना चाहिए। उन्होंने इसे बहुत ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं निराशाजनक’’ बताया, लेकिन ट्रम्प की प्रचार मुहिम ने इस विज्ञापन को हटाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस वीडियो में फौसी के बयान उनके ‘‘खुद के शब्द’’ हैं।
दूसरी ओर, बाइडेन अपनी रैलियों में वादा कर रहे हैं कि यदि उन्हें राष्ट्रपति चुना जाता है तो वह फौसी की सलाह के अनुसार काम करेंगे। वह फौसी के नजरिए से खुद को जोड़कर दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
देश में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी कहा था कि यदि ट्रम्प के नेतृत्व वाले प्रशासन में कोरोना वायरस का ऐसा टीका उपलब्ध हो जाता है, जिसे वैज्ञानिक सलाहकार स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह उस टीके को स्वीकार नहीं करेंगी, लेकिन यदि डॉ. एंथनी फौसी जैसे शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार टीके का समर्थन करते हैं, तो वह टीके का समर्थन करेंगी।