
वाशिंगटन। अफगानिस्तान और इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या में तैनाती को लेकर अमेरिका के रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दलों के नेताओं में एक बार फिर मतभेद उपर कर सामने आए हैं। इस मुद्दों के लेकर जहां रिपब्लिकन नेता इन देशों में सैनिकों की संख्या को कम करने के ट्रम्प के वादे को पूरा करना चाहते हैं वहीं जो बाइडन के समर्थन डोमोक्रेट के नेता इसे अमेरिकी सम्पत्तियों और दूसरे हितों की सुरक्षा से लेकर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि यदि इन देशों से सैनिकों की संख्या को कम की गई तो अमेरिका के हितों को काफी नुकसान पहुंचेगा।
नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसका विरोध किया है। कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी इसका विरोध किया है।
इस मुद्दे को लेकर बाइडन और नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के सत्ता हस्तांतरण दल ने इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष सांसदों ने तुरंत इस कदम की आलोचना की है। सीनेटर चक शूमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ट्रंप की नीति अस्थिर है और पूर्णत: आवेग में आकर लिए फैसले पर आधारित है…’’
सीनेटर टैमी डकवर्थ और मिच मैककोनेल ने भी इस कदम की आलोचना की। रिपब्लिकन सीनेटर मिट रॉमनी ने फैसले पर संदेह प्रकट करते हुए ट्रंप प्रशासन से इस ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ कदम पर पुन:विचार करने और इसे वापस लेने की अपील की ताकि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ने से रोका जा सके। रिपब्लिकन पार्टी के रॉय ब्लंट, जिम इनहोफ़ ने भी इस घोषणा पर कई सवाल उठाए हैं।
इसके विपरित अमेरिकी रक्षा सचिव क्रिस्टोफर सी. मिलर ने मंगलवार को कहा, ‘‘मैं इन दोनों देशों में बल के पुन: स्थापन के राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश को जारी रखने की औपचारिक रूप से घोषणा कर रहे हैं। 15 जनवरी 2021 तक अफगानिस्तान में 2500 सैनिक होंगे। इराक में भी उस तारीख तक हमारे 2500 सैनिक होंगे।’’’
यह घोषणा अफगानिस्तान और इराक में युद्ध को ‘‘एक सफल और जवाबदेह अंजाम तक पहुंचाने और अपने सैनिकों को देश वापस लाने’’ के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियान दल के वादे के अनुरूप है।
अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के 4500 से अधिक सैनिक हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि बाकी सैनिक वहां अमेरिकी दूतावासों और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान और इराक में अगले साल 15 जनवरी तक अपने सैनिकों की संख्या 2500-2500 करने की घोषणा की है। कार्यवाहक इसकी घोषणा की।