तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट के बाद ट्रंप ने बनाई राष्ट्रीय भंडार को भरने की योजना


अमेरिका में सोमवार को कच्चे तेल कीकीमतें अप्रत्याशित रूप से पहली बार बड़ी गिरावट देखी गई और इसकी कीमतशून्य से भी नीचे चली गई। इस दौरान तेल से छुटकारा पाने के लिएपेट्रोलियम कंपनियां खरीदारों को तेल और कैश दोनो दे रहे थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स केअनुसार कंपनियां खरीदारों को मुफ्त तेल के साथ तीन डॉलर 37 सेंटसे लेकर 35 डॉलर प्रति बैरल तक दिया गया था।



वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह तेल कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट का इस्तेमाल अमेरिका के राष्ट्रीय सामरिक भंडार को फिर से भरने के लिए करेंगे। ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी के संबंध में अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपने राष्ट्रीय पेट्रोलियम भंडार भर रहे हैं… आप जानते हैं, सामरिक भंडार। उन्होंने कहा, ‘‘हम भंडार में 7.5 करोड़ बैरल भरना चाहते हैं।’’
उन्होंने बाद में यह स्पष्ट किया कि वह यह खरीदारी तभी करेंगे, जबकि अमेरिकी संसद इसके लिए धन को मंजूरी देगी। इसके अलावा अमेरिकी सरकार इस भंडार को किसी तीसरे पक्ष को किराए पर भी दे सकती है। जब कीमतें बढ़ेंगी, तो ये विक्रेता अतिरिक्त तेल बेच सकते हैं।
अमेरिका में सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें अप्रत्याशित रूप से पहली बार शून्य से भी नीचे चली गई थी और पेट्रोलियम कंपनियां बड़े खरीदारों को तेल और कैश दोनो दे रहे थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार कंपनियां खरीदारों को मुफ्त तेल के साथ तीन डॉलर 37 सेंट से लेकर 35 डॉलर प्रति बैरल तक दिया गया। वहीं खबरों के अनुसार कुछ कंपनियों कच्चे तेल से छुटकारा पाने के लिए 37 डॉलर प्रति बैरल तक कैश बैक दिया। हालांकि बाद में इसमें थोड़ा सुधार देखा गया औऱ कीमतें कुछ हद तक नियंत्रित हो गईं।
खबरों के अनुसार तेल के दामों में यह गिरावट कोरोना महामारी के कारण पेट्रोलियम पदार्थों के खपत में भारी गिरावट होने, साथ ही उसके उलट अमेरिकी तेल कंपनियों द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन पहले जैसे होने के कारण उत्पादन कंपनियों के पास भंडारण की छमता नहीं होने के कारण हुआ। तेल की कीमतों में यह गिरावट केवल अमेरिका में रहा तेल उत्पादन करने वाले देशों के संगठन ओपेक प्लस देशों के तेल की कीमतों में कोई खास गिरावट नहीं देखी गई।
खबरों के अनुसार अमेरिक में कच्चे तेल की कीमती भारी गिरावट के बाद सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक प्लस के देशों ने मई से पहले ही तेल के उत्पादन में एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करना शुरु कर दिया है। बता दें कि तेल की कीमतों में भारी गिरावत को देखते हुए अमेरिका और ओपेक प्लस के देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में कमी करने का समझौता किया था जिसको मई से लागू होना था।



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