जॉ़र्ज फ्लॉयड की मौत पर बेचैन विश्व अमेरिका में प्रदर्शनों के प्रति दिखा रहा एकजुटता

रविवार को मध्य लंदन में एक सभा में, हजारों लोगों ने अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताया और नारे लगाए “न्याय नहीं, शांति नहीं” और ‘‘कितने और?” लिखे हुए पोस्टर लहराए। अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को लक्ष्य बनाकर लिखे गए संदेशों के साथ अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दर्शाई।

बैंकॉक। अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉ़र्ज फ्लॉयड की मौत के साथ ही अपने ही देश में पुलिस हिंसा और नस्लभेद के खिलाफ खड़े होने के लिए न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर में सोमवार को हजारों लोगों ने मार्च किया। अश्वेत पुरुषों और महिलाओं की पुलिस द्वारा हत्या के नये मामले के बाद अमेरिका में उपजी नागरिक अशांति को लेकर विश्व के कई लोगों के मन में बेचैनी थी। फ्लॉयड की मिनीपोलिस में 25 मई को मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर तब तक अपना घुटना दबा कर रखा जब तक कि उसकी सांसें नहीं थम गईं।

ऑकलैंड में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया और घुटनों पर बैठ गए। उनके हाथों में “मैं सांस नहीं ले पा रहा” और “असल वायरस नस्लभेद है” जैसे नारों के पोस्टर थे। न्यूजीलैंड में ही सैकड़ों अन्य, कई स्थानों पर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए।

रविवार को मध्य लंदन में एक सभा में, हजारों लोगों ने अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताया और नारे लगाए “न्याय नहीं, शांति नहीं” और ‘‘कितने और?” लिखे हुए पोस्टर लहराए। अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को लक्ष्य बनाकर लिखे गए संदेशों के साथ अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दर्शाई।

ब्राजील में, सैकड़ों लोगों ने रियो डे जेनेरियो के कामगार श्रेणी मोहल्ले, फेवलस में अश्वेत लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किए जाने वाले अपराधों के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। कनाडा में नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन ने मांट्रियल पुलिस और कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प का रूप ले लिया। पुलिस ने सभा को अवैध बताया और प्रदर्शनकारियों पर मिर्ची के स्प्रे एवं आंसू गैस के गोले छोड़े।

सत्तावादी राष्ट्रों में यह अशांति उनके अपने देश की स्थिति की अमेरिकी आलोचना को कमतर बताने का मौका लेकर आई है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने बार-बार अमेरिकी अशांति की तस्वीरें दिखाईं। रूस ने कहा कि अमेरिका में पूरी व्यवस्था में मानवाधिकार समस्याएं हैं।

वहीं चीन में सरकार नियंत्रित मीडिया ने इन प्रदर्शनों को हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर अमेरिकी विचारों के चश्मे से देखा है और कहा है कि हांगकांग पर टिप्पणी करने से पहले अमेरिकी नेताओं को दो बार विचार करना चाहिए। उत्तर कोरिया के आधिकारिक रोडोंग सिनमुन अखबार ने खबर दी कि प्रदर्शनकारियों ने एक अश्वेत नागरिक की श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा “अवैध एवं नृशंस हत्या” की “कठोरता से निंदा” की है।

First Published on: June 2, 2020 10:29 AM
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