अमेरिकी अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर छंटनी का सामना कर रहे हजारों संघीय कर्मचारियों को दोबारा नियुक्त करने का आदेश दिया। यह आदेश छह संघीय एजेंसियों को दिया गया, जिनमें ट्रेजरी, वेटरन्स अफेयर्स, कृषि, रक्षा, ऊर्जा और आंतरिक विभाग शामिल हैं। इन कर्मचारियों को “खराब प्रदर्शन” के आधार पर निकाला गया था, लेकिन कोर्ट ने इस वजह को महज दिखावा करार दिया।
जस्टिस विलियम अलसुप ने यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया, जो कर्मचारी संघों की ओर से दायर की गई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जज ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने खराब प्रदर्शन के आधार पर निकाले गए कर्मचारियों को गलत तरीके से हटाया था। उन्होंने कहा कि यह औचित्य केवल वैधानिक आवश्यकताओं से बचने का प्रयास था और यह कर्मचारियों के वास्तविक प्रदर्शन पर आधारित नहीं था।
सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकी कोर्ट ने कहा, ‘यह एक दुखद दिन है जब हमारी सरकार अच्छे कर्मचारियों को निकाल देती है और कहती है कि यह प्रदर्शन के आधार पर किया गया था, जबकि यह झूठ है।’ उन्होंने संघीय एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे किसी भी कर्मचारी को बहाल करें जिसे अनुचित तरीके से निकाला गया।
व्हाइट हाउस लौटने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सरकार के आकार को छोटा करने और खर्च में कटौती करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इसमें हजारों संघीय कर्मचारियों को नौकरियों से निकाला जाना भी शामिल है। हालांकि, उनके इस फैसले को कर्मचारियों ने अदालतों में चुनौती दी। कई अदालतों ने कर्मचारियों को राहत देते हुए इस फैसले पर रोक लगाने का आदेश भी दिया।
फिलहाल यह आदेश ट्रंप के सरकारी संरचनाओं में कटौती के प्रयासों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है। कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले संघों ने इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह न्याय का उदाहरण है।
कोर्ट का यह आदेश ट्रंप प्रशासन के बड़े पैमाने पर किए गए सरकारी सुधारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कानूनी चुनौती है। यह फैसला संघीय कर्मचारियों के अधिकारों और प्रशासनिक फैसलों की वैधता पर महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करता है। आने वाले समय में इस निर्णय के व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, जो ट्रंप प्रशासन की नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं।