वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट ने आंतरिक सुरक्षा मंत्री के तौर पर एलेजान्द्रो मयोर्काज और देश के परिवहन मंत्री के तौर पर पेटे बटिगेग के नाम पर मोहर लगा दी है।
मयोर्काज पहले लातिन अमेरिकी शख्स हैं जो उस पद पर आसीन होंगे, जो कोरोना वायरस संक्रमण, रूस से जुड़े साइबर हमले और घरेलू अतिवाद जैसी समस्याओं से निपटने की सरकार की रणनीति के लिए अहम है।
इस पद के लिए 43 के मुकाबले 56 मतों से मयोर्काज के नाम की पुष्टि हुई। यह राष्ट्रपति जो बाइडन मंत्रिमंडल के लिए नामित किसी व्यक्ति को अब तक मिली सबसे कम अंतर की मंजूरी है। वह इस पद पर सेवाएं देने वाले पहले आव्रजक होंगे। माना जा रहा है कि वह उस एजेंसी में व्यापक पैमाने पर नीतियों में बदलाव करेंगे, जिस पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजक और कानून प्रवर्तक उपायों को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति से प्रेरित होने के आरोप लगे थे।
मयोर्काज पूर्व संघीय अभियोजक हैं और वरिष्ठ डीएचएस अधिकारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। उनके नामांकन को रिपब्लिकन सदस्यों ने सीनेट में बाधित किया था और वे जानना चाहते थे कि वह आव्रजन नीति पर बाइडन की योजना को कैसे आगे बढ़ाएंगे।
सीनेट की आंतरिक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सीनेटर गैरी पीटर्स ने उनके नाम को मंजूरी दिए जाने की घोषणा की। देश के परिवहन मंत्री के पद के लिए सीनेट ने पेटे बटिगेग के नाम को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले वह ऐसे शख्स हैं, जिनके समलैंगिक होने की बात सार्वजनिक है।
बटिगेग पर राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्र के आधारभूत ढांचे के पुनर्निमाण और जलवायु परिवर्तन से निपटने की महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है।
इंडियाना के साउथ बेंड के मेयर रह चुके बटिगेग (39) को 86 मत मिले। अपने नाम को मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ सीनेट में आज मिले मत से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं और काम करने के लिए तैयार हूं।’’
देश में नई सरकार के गठन के बीच रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अंतिम दिनों में नियुक्त पेंटागन सलाहकार बोर्ड के सैंकडों सदस्यों से पद से इस्तीफा देने को कहा है।
ऑस्टिन ने मंगलवार को एक मेमो जारी करके कहा,‘‘ समीक्षा पूरी होने तक अथवा मेरे या उप रक्षा मंत्री के अगले आदेश तक मैं सभी सलाहकार समिति कार्यक्रमों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश देता हूं।’’
साथ ही उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री द्वारा नियुक्त सभी समिति सदस्यों को 16 फरवरी तक पद से इस्तीफा देने को कहा है।