वंदे भारत मिशन : 25 मई को इजराइल में फंसे भारतीय लौटेंगे वतन

कोविड-19 महामारी के बीच इजराइल में फंसे अनेक भारतीयों को इस खबर से बड़ी राहत मिली है कि एयर इंडिया का एक विशेष विमान 25 मई को यहां फंसे भारतीयों को लेकर जाएगा।

यरूशलम। कोविड-19 महामारी के बीच इजराइल में फंसे अनेक भारतीयों को इस खबर से बड़ी राहत मिली है कि एयर इंडिया का एक विशेष विमान 25 मई को यहां फंसे भारतीयों को लेकर जाएगा। भारत सरकार ने सात मई को ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की थी जिसके तहत कोरोना वायरस के कारण बंद के दौरान विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। मिशन के पहले चरण के तहत खाड़ी देशों और अमेरिका, ब्रिटेन, फिलीपीन, बांग्लादेश, मलेशिया तथा मालदीव आदि से कुल 6,527 भारतीयों को स्वेदश वापस लाया गया है।
एयर इंडिया के कंट्री मैनेजर पंकज तिवारी ने कहा, एयर इंडिया ने इजराइल में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए 25 मई को दिल्ली-तेल अवीव-दिल्ली सेक्टर के लिए एक उड़ान की योजना बनाई है और हम सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने को प्रतिबद्ध हैं, मसलन इस बात का शपथपत्र देना कि लोग अनिवार्य पृथक-वास में रहेंगे। हम उन इजराइल वासियों को भी यहां लौटने का प्रस्ताव देंगे जो इस समय भारत में हैं और लौटना चाहते हैं। तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने 15 मई को घोषणा की थी कि वह यहां से लौटने के इच्छुक फंसे हुए भारतीय नागरिकों की वापसी की संभावना पर विचार कर रहा है, जो कोविड-19 के कारण लगी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पाबंदियों के चलते पहले नहीं जा सके।
घोषणा में कहा गया, यात्रियों को यात्रा का खर्च उठाना होगा और गंतव्य पर पहुंचकर अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रहना होगा। दूतावास के अधिकारियों ने बताया, अभी तक वापसी के लिए करीब 140 लोगों ने संपर्क किया है जिनमें से 90 ने अपना विवरण दे दिया है और टिकट का भुगतान करने तथा पृथक-वास में रहने के लिए तैयार हैं।
अधिकतर लोगों की केरल वापसी की इच्छा को देखते हुए बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय दिल्ली से कोच्चि की कनेक्टिंग उड़ान पर भी विचार कर रहा है। केरल के इडुक्की जिले की रहने वाली अन्नमा सिबी 2013 में लोगों की देख-रेख के काम के लिए इजराइल आई थीं लेकिन अब जीवन-यापन के लिए तेल अवीव में लोगों के घरों की सफाई कर रही हैं।
सिबी ने कहा, पिछल करीब चार महीने से मेरे पास काम नहीं हैं। मेरे पास पैसा भी नहीं है। मुझे कमरे का किराया देना है और इजराइल बहुत महंगा है। इजराइल सरकार ने हमें काम करने की इजाजत दी है लेकिन जो लोग हमें पहले काम देते थे, वे भी कोरोना वायरस की वजह से डरे हुए हैं। उसने कहा, मैं अपने पति और 8 तथा 13 साल के दो बेटों के साथ रहने के लिए वापस जाना चाहती हूं। मैंने दूतावास से विमान यात्रा के लिए पंजीकरण का अनुरोध किया है। मैं अभी दोस्तों से पैसे उधार लूंगी और बाद में लौटा दूंगी।
इसी तरह कर्नाटक में मेंगलोर के रहने वाले 65 साल के एलेक्स डिसूजा 13 साल से बेत शेमेश में घरों पर देख-रेख का काम कर रहे हैं। उनके नियोक्ता की इस साल 17 मार्च को मौत हो गयी और तब से उनके पास काम और पैसा नहीं है। उन्होंने कहा, मैंने उड़ान के लिए पंजीकरण कराया है लेकिन यह नहीं पता कि मुझे कितना पैसा देना होगा। मुझे उम्मीद है कि यह इतना नहीं होगा, जितना मैंने सुना कि अबू धाबी से लोगों को यात्रा करने के लिए देना पड़ा।

First Published on: May 18, 2020 6:23 AM
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