वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान की मदद के लिए कूटनीतिक समाधान तलाशने में मदद करना चाहता है, ताकि वह राजनीतिक सुलह और एक स्थायी एवं समग्र संघर्षविराम तक पहुंच सके।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि अफगानिस्तान में सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने काबुल में तीन दिन के दौरे में सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज के सदस्यों, महिला नेताओं और अन्य अफगानी नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया।
1/4 Just concluded a productive three days of consultations in Kabul with government officials, civil society and women leaders, and other Afghan political figures. pic.twitter.com/LDVa1rCGc5
— U.S. Special Representative Zalmay Khalilzad (@US4AfghanPeace) March 3, 2021
खलीलजाद ने ट्वीट किया, ‘‘मैं सभी पक्षों के लिए इस बात को रेखांकित करना चाहता हूं कि हमारा ध्यान अफगानिस्तान एवं कूटनीति पर केंद्रित है और हम व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना चाहते हैं, ताकि शांति प्रक्रिया में अधिक तेज प्रगति के लिए अफगानों की मदद की जा सके।’’
2/4 With all parties, I outlined our focus on Afghanistan, diplomacy, and garnering wider international support in order to help Afghans make more rapid progress on the peace process. pic.twitter.com/SVQRkk5OaL
— U.S. Special Representative Zalmay Khalilzad (@US4AfghanPeace) March 3, 2021
3/4 The Islamic Republic and the Taliban must find a path to a political settlement and a permanent and comprehensive ceasefire. In Kabul, I discussed various options/alternatives to propel the process forward.
— U.S. Special Representative Zalmay Khalilzad (@US4AfghanPeace) March 3, 2021
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह अफगानिस्तान के नेतृत्व वाली प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की मदद के लिए कूटनीतिक समाधान तलाशने में मदद करना चाहता है, ताकि वह राजनीतिक सुलह और एक स्थायी एवं समग्र संघर्षविराम तक पहुंच सके।
प्राइस ने जलालाबाद में तीन महिला मीडियाकर्मियों की हत्या को दुखद समाचार बताया और कहा, ‘‘हम जानते हैं कि इन हमलों का एक ही मकसद है। इसका मकसद डराना है। इनका मकसद पत्रकारों को झुकाना है।’’