अंतरराष्ट्रीय टीम की रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित हुई। इस टीम ने 14 जनवरी से 10 फरवरी तक चीन के वुहान शहर का दौरा किया था जहां दिसंबर 2019 में वायरस का सबसे पहले पता चला था।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘जहां तक विश्व स्वास्थ्य संगठन का संबंध है, सभी विचार मेज पर हैं। रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण शुरुआत है। हमें अभी वायरस के स्रोत का पता नहीं चला है। हमें विज्ञान का अनुसरण जारी रखना चाहिए तथा कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़नी चाहिए।’’
मीडिया प्रतिष्ठानों को मिली डब्ल्यूएचओ की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘यह (रिपोर्ट) सवाल उठाते हुए हमारी समझ को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाती है जिसका समाधान आगे के अध्ययनों से होगा।’’
टेड्रोस ने यह भी कहा कि टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से वायरस के लीक होने, जैसा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था, की बात ‘‘कम संभावना वाला अनुमान’’ है, लेकिन इसकी आगे जांच किए जाने की जरूरत है।
बीजिंग/जिनेवा। कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों की टीम ने कहा है कि इस घातक विषाणु के स्रोत का अब तक पता नहीं चला है तथा सवालों के जवाब पाने के लिए आगे और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।