टैरिफ की मार से क्या बर्बादी की कगार पर पहुंचेगा चीन?

नागरिक न्यूज नागरिक न्यूज
विदेश Updated On :

चीन की तरफ से अपने यहां पर प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए करीब 1.9 ट्रिलियन डॉलर के एक और जोर ने ग्लोबल इंडस्ट्री में हलचल मचाकर रख दी है। अमेरिका अब अपने उद्योगों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को चीन से आयातित होने वाले सभी सामानों पर 125 प्रतिशत का टैरिफ लगाते हुए इसे चीन से सस्ते सामानों की बाढ़ से अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स को बचाने के लिए आवश्यक कदम करार दिया।

ट्रंप ने चीन पर जहां टैरिफ 104 प्रतिशत के बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया तो वहीं दुनिया के अन्य देशों के ऊपर टैरिफ पर 90 दिनों का ब्रेक लगाते हुए बड़ी राहत दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 90 दिनों तक सिर्फ 10 प्रतिशत का टैरिफ उन्हीं देशों के खिलाफ लगाया जाएगा जिसने निष्पक्ष होकर बातचीत शुरू की। लेकिन चीन को ये छूट नहीं दी गई।

पिछले करीब चार वर्षों से चीन अपने घरेलू उद्योग जैसे रियल एस्टेट और हाउसिंग के करीब 2 ट्रिलियन डॉलर फंड का इस्तेमाल अपने यहां पर उद्योगों में लगा दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि अप्रत्याशित रुप से फैक्ट्रियों की बाढ़ आ गई। देश के सरकारी बैंकों से मदद मिलने के बाद चीन के मैन्युफैक्चरर्स तेजी के साथ अपना दायरा बढ़ा रहे हैं और इलैक्ट्रिक कार से लेकर फर्टिलाइजर्स तक ग्लोबल मार्केट के हिसाब से आधुनिकता के साथ तैयार कर रहे हैं।

पूर्व प्रसिडेंट जो बाइडेन की सरकार में रहीं यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव कैथरीन ताई ने कहा,’ सभी के लिए सुनामी है।’ चीन के केन्द्रीय बैंक के डेटा का मुताबिक, इंडस्ट्रीज को करीब 2 ट्रिलियन डॉलर की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी गई है चीन आर्थिक मंदी का सामना नहीं कर रहा है। चीन की प्रमुख इलैक्ट्रिक व्हिकल निर्माता कंपनी BYD वर्तमान में दो कार फैक्ट्री बनाने जा रही है।

साल 2023 में चीन का निर्यात 13% बढ़ा और एक साल बाद 2024 में इसमें 17 प्रतिशत का इजाफा किया गया था। निर्यातक चीन की जीडीपी की कुल जीडीपी का 20 फीसदी हिस्सा इसी से बनाते हैं।

इसके विपरीत अमेरिकी जीडीपी में एक्सपोर्ट का हिस्सा गिरा और ये 11 प्रतिशत के आसपास पहुंच गया है। ये 2012 के 13.6 प्रतिशत से भी कम है। चीन में अमेरिका का निर्यात पिछले साल करीब 3 फीसदी गिरकर सिर्फ 144 बिलियन डॉलर का ही किया गया था। अमेरिका में चीन का निर्यात बढ़कर 440 बिलियन डॉलर का हो चुका है, यानी चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 295 बिलियन डॉलर का हो चुका है।

चीन के खिलाफ दूसरे देश भी शांत नहीं बैठ रहे हैं। यूरोपीय यूनियन ने इलैक्ट्रिक व्हिकल पर 45.3 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ब्राजील ने चीन के मेटल और फाइबर ऑप्टिक केबल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। मैक्सिको और थाइलैंड भी इसी तरह के कदम पर विचार कर रहा है।

चीन के खिलाफ दूसरे देश भी शांत नहीं बैठ रहे हैं। यूरोपीय यूनियन ने इलैक्ट्रिक व्हिकल पर 45.3 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। ब्राजील ने चीन के मेटल और फाइबर ऑप्टिक केबल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। मैक्सिको और थाइलैंड भी इसी तरह के कदम पर विचार कर रहा है।



Related