
बांदा। महोबा जिले के कबरई कस्बे में गोली लगने से एक व्यवसायी की मौत मामले में बांदा जिले के फतेहगंज थाने के प्रभारी और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
बांदा के पुलिस अधीक्षक डॉ. सिद्धार्थ शंकर मीणा ने शुक्रवार को बताया कि “फतेहगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राधेबाबू और सिपाही अरुण यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।” उन्होंने कहा, “सिपाही महोबा जिले के कबरई थाने से स्थानांतरित होकर सात सितंबर को फतेहगंज थाने पहुंचा था और उसने छुट्टी नियमों का उल्लंघन किया है।”
उन्होंने बताय, “थानाध्यक्ष को सिपाही के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर निलंबित किया गया है।” वहीं, क्षेत्राधिकारी स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि “सिपाही अरुण यादव कबरई थाने में तैनात था और कबरई कस्बे में गोली लगने से जान गंवाने वाले क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी के मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के रडार पर था।

अधिकारी ने बताया कि “कबरई कस्बे में इस सिपाही के 10 से 12 डंपर (छोटे ट्रक) पत्थर खनन के काम में लगे हुए हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “एसआईटी जांच में लोगों ने इस सिपाही पर घटना में संलिप्तता के आरोप लगाए हैं।”
गौरतलब है कि महोबा के कबरई कस्बे के इन्द्रकांत ने सात और आठ सितंबर को जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाला एक वीडिया सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इसके कुछ घण्टे बाद वह संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से घायल हो गया था। इलाज के दौरान कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में रविवार शाम उसकी मौत हो गयी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौ सितम्बर को भ्रष्टाचार के आरोप में महोबा के पुलिस अधीक्षक पाटीदार को निलम्बित कर दिया था। इसी मामले की जांच के लिए शासन के निर्देश पर मंगलवार को वाराणसी के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था।