
नई दिल्ली। सुरक्षा प्राप्त गवाहों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की पार्षद इशरत जहां, कार्यकर्ता खालिद सैफी और अन्य ने संशोधित नागरिकता कानून के विरूद्ध अपने प्रदर्शन के दौरान शीर्ष भाजपा नेताओं और ‘हिंदुत्व’ के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिये। दिल्ली पुलिस ने अपने चार्जशीट में यह कहा है। यह भी कहा गया है कि CAA और सरकार के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण दिये गये।
चार्जशीट के अनुसार एक गवाह ने अपने बयान में कहा, अपने भाषणों के जरिए उन्होंने वहां इकट्ठा हुए लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और हिंदुत्व के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया। इशरत जहां, खालिद सैफी और अन्य ने अपने भाषणों में हिंदुओं से आजादी, ‘मोदी और अमित शाह से आजादी’ का आह्वान किया और कहा कि सरकार हिंदुओं के पक्ष और मुसलमानों के विपक्ष में है। 16 सितंबर को दाखिल किये गये चार्जशीट में कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किये गये गवाहों के बयानों से खुलासा होता है कि वक्ताओं ने न केवल CAA के खिलाफ बल्कि सरकार और देश के खिलाफ भी भाषण दिया।